आजकल क्रिकेट जगत में शाहिद अफरीदी की ऑटोबायोग्राफी गेम चेंजर काफी चर्चा में बनी हुई है। इसमें खेल जगत से सम्बंधित कई खुलासों का जिक्र है। एक ऐसा ही रोचक किस्सा उनके पहले शतक का भी है। उन्होंने अपना पहला शतक सचिन तेंदुलकर के बल्ले से बनाया था।
साल 1996 में पूर्व धाकड़ बल्लेबाज शाहिद अफरीदी ने अपना पहला शतक श्रीलंका के खिलाफ बनाया था। उन्होंने यह शतक महज 37 गेंदो में पूरा किया था, जो कि रिकॉर्ड सबसे तेज शतक बना था। उस दौर में अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में इतने तेज शतक की कल्पना भी नहीं की जाती थी। उस दौर में खिलाड़ी इतनी आक्रामक शैली से अपरिचित थे, इसीलिए भी यह शतक क्रिकेट इतिहास में विशेष महत्व रखता है।
शाहिद अफरीदी ने अपनी ऑटोबायोग्राफी गेम चेंजर में उस विशेष शतक का जिक्र किया है। यह बड़ा रोचक किस्सा है कि आखिर नैरोबी में अफरीदी के पास सचिन का बल्ला कैसे पहुँचा? अफरीदी ने अपनी किताब में लिखा “.. लेकिन आप सोचिए कि वकार ने उस बैट को सियालकोट ले जाने से पहले क्या किया? उन्होंने वह बल्ला मुझे दिया और मैंने उससे बल्लेबाजी की। नैरोबी में जो पहला शतक मैंने जड़ा, वह सचिन के बल्ले से बनाया। दरअसल सचिन ने वकार यूनुस को अपना बैट दिया था, जिससे यूनुस सियालकोट में उसी तरह का एक और बैट बनवा सके।
यह शतक अफरीदी ने महज 16 साल की उम्र में बना लिया था, इस बात को अफरीदी ने खारिज किया। अफरीदी ने अपनी आत्मकथा में कहा है कि आधिकारिक दस्तावेजों में उनकी गलत उम्र दर्ज है। उन्होंने अपनी सही उम्र भी बताई और लिखा की वह उस समय 16 साल के नहीं बल्कि 21 साल के थे। अफरीदी ने अपनी आत्मकथा मे लिखा है कि वह 1975 में जन्में थे ।
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