ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट टीम के पूर्व दिग्गज लेग स्पिनर शेन वॉर्न की हालिया किताब 'नो स्पिन' से रोज-रोज नए विवाद सामने आ रहे हैं। स्टीव वॉ को स्वार्थी बताने के बाद अब शेन वॉर्न ने अपनी किताब में पूर्व दिग्गज कप्तान रिकी पोंटिंग के 2005 एशेज सीरीज में लिए गए एक फैसले को सबसे खराब फैसला बताया है।
वॉर्न ने अपनी किताब में लिखा है कि 2005 की एशेज सीरीज के दौरान एजबेस्टन टेस्ट में रिकी पोंटिंग ने टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी करने का फैसला किया था और जिन भी कप्तानों के अंदर मैंने क्रिकेट खेला है उनमें से ये सबसे खराब फैसला था। वॉर्न ने अपनी किताब में लिखा है कि पोंटिंग का फैसला काफी हैरान कर देने वाला था। उन्होंने इंग्लैंड की बल्लेबाजी को कम करके आंका और इसका खामियाजा उन्हें और हम सबको भुगतना पड़ा। आपने जो भी सुना और पढ़ा है उसे भूल जाइए, सच्चाई ये है। वॉर्न ने लिखा है कि रिकी पोटिंग को जॉन बुकानन के आंकड़ों पर ज्यादा भरोसा था, जिसके मुताबिक एजबेस्टन में पहले गेंदबाजी करने वाली टीम को जीत मिलती है। रिकी पोंटिंग ने उस वक्त पिच के मुताबिक फैसला नहीं लिया था, बल्कि इतिहास को ध्यान में रखते हुए निर्णय लिया था जो कि पूरी तरह गलत साबित हुआ।
वॉर्न आगे लिखते हैं कि पोंटिंग ने ग्लेन मैक्ग्रा की चोट को नजरदांज कर दिया, क्योंकि उन्हें इस बात का अहंकार था कि इंग्लैंड की टीम बल्लेबाजी ही नहीं कर सकती है। इसके बाद पूरी सीरीज बदल गई। इंग्लैंड ने उस सीरीज से लय पकड़ ली और पीछे मुड़कर नहीं देखा। मैं इसे सबसे खराब फैसला मानता हूं। स्टीव वॉ ने भी 2001 कोलकाता टेस्ट में भारत को फॉलोआन खिलाकर यही गलती की थी। गौरतलब है शेन वॉर्न ने इससे पहले अपनी किताब में पूर्व दिग्गज कप्तान स्टीव वॉ को स्वार्थी बताया था और कहा था कि वॉ ने उनका साथ नहीं दिया।