रणजी ट्रॉफी के मौजूदा सीजन (Ranji Trophy 2023-24) में मुंबई के लिए जलवा दिखा रहे गेंदबाजी ऑलराउंडर शार्दुल ठाकुर (Shardul Thakur) ने एक खास मांग की है। शार्दुल चाहते हैं कि अगले सीजन से कार्यक्रम पर ध्यान दिया जाए और मैचों के बीच ब्रेक के दिनों में बढ़ोत्तरी की जाए, ताकि इससे खिलाड़ियों के चोटिल होने का खतरा कम हो।
शार्दुल ठाकुर की यह टिप्पणी रणजी ट्रॉफी के सेमीफाइनल में अपने फर्स्ट क्लास करियर का पहला शतक लगाने के बाद आई। तमिलनाडु के खिलाफ मुंबई की टीम 106 के स्कोर पर 7 विकेट गंवाकर मुश्किल में थी लेकिन शार्दुल ने आक्रामक अंदाज में बल्लेबाजी करते हुए विपक्षी गेंदबाजों को निशाना बनाया और सिर्फ 89 गेंदों में बेहतरीन छक्का लगाकर अपना शतक पूरा किया। उन्होंने 105 गेंदों में 13 चौके और चार छक्के की मदद से 109 रनों की पारी खेली। उनकी पारी की मदद से ही मुंबई ने दिन का अंत 353/9 के स्कोर के साथ किया और उसकी बढ़त 207 की हो गई है।
दूसरे दिन का खेल समाप्त होने के बाद पत्रकारों से बात करते हुए शार्दुल ठाकुर ने रणजी मैचों के बीच ब्रेक बढ़ाने के महत्व पर जोर दिया, विशेषकर नॉकआउट चरण के दौरान। उन्होंने कहा,
मुझे लगता है कि अगले साल उन्हें इस पर पुनर्विचार करना होगा और (रणजी ट्रॉफी मैचों के बीच) अधिक ब्रेक देना होगा। कार्यक्रम ज्यादा व्यस्त होता जा रहा है। अगर लड़के दो और सीजन तक इसी तरह खेलते रहे तो देश भर में खेलने वाले खिलाड़ियों को काफी चोटों का सामना करना पड़ेगा। यह मुश्किल है क्योंकि हम तीन दिन के अंतराल के साथ फर्स्ट क्लास मैच खेल रहे हैं और मुझे नहीं लगता कि ऐसा कभी हुआ है।
शार्दुल ने अपनी बात को आगे जारी रखते हुए कहा,
जब मैंने रणजी ट्रॉफी मैचों में खेलना शुरू किया, तो पहले तीन मैचों में तीन दिन का ब्रेक होता था, फिर चार दिन का ब्रेक और फिर नॉकआउट में पांच दिन का ब्रेक होता था। अब हमने देखा है कि सभी मैच तीन दिनों के अंतराल पर खेले जाते हैं, इसलिए घरेलू खिलाड़ियों के लिए यह उम्मीद करना बेहद कठिन है कि अगर टीम फाइनल में पहुंचती है तो वे तीन दिन के अंतराल के साथ लगातार 10 मैच खेलेंगे।