'खराब फॉर्म से जूझ रहे श्रेयस अय्यर और इस बल्‍लेबाज का करें समर्थन, आलोचना नहीं', मुंबई के दिग्‍गज ऑलराउंडर ने फैंस से की अपील

India  v England - 1st Test Match: Day Two
श्रेयस अय्यर रणजी फाइनल की पहली पारी में फ्लॉप रहे

मुंबई (Mumbai Cricket Team) के ऑलराउंडर शार्दुल ठाकुर (Shardul Thakur) ने सभी से गुजारिश की है कि खराब फॉर्म से जूझ रहे श्रेयस अय्यर (Shreyas Iyer) और अजिंक्‍य रहाणे (Ajinkya Rahane) का समर्थन करें, न कि उनकी आलोचना। 41 बार की चैंपियन मुंबई और विदर्भ (Vidarbha Cricket Team) के बीच रणजी ट्रॉफी (Ranji Trophy) का फाइनल मुकाबला खेला जा रहा है।

श्रेयस अय्यर और अजिंक्‍य रहाणे दोनों पहली पारी में सात रन बनाकर पवेलियन लौट गए। शार्दुल ठाकुर मुंबई के संकटमोचक बने, जिन्‍होंने 69 गेंदों में 8 चौके और तीन छक्‍के की मदद से 75 रन बनाए। ठाकुर की पारी की बदौलत मुंबई की पहली पारी 64.3 ओवर में 224 रन पर ऑलआउट हुई।

शार्दुल ठाकुर ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि श्रेयस अय्यर और अजिंक्‍य रहाणे को दोषी नहीं ठहराया जा सकता है क्‍योंकि दोनों ही भारत व मुंबई के लिए पहले मैच विनर्स रह चुके हैं। ऑलराउंडर ने कहा, 'अजिंक्‍य रहाणे पूरे सीजन रन नहीं बना पाए। वो अच्‍छे फॉर्म में नहीं है। हम उन पर आरोप नहीं लगा सकते क्‍योंकि यह उनका एक बुरा समय है, जहां वो रन नहीं बना पा रहे हैं।'

ठाकुर ने पीटीआई से बातचीत में कहा, 'यह बस उन दोनों का खराब समय है। मुझे श्रेयस और रहाणे के लिए ऐसा महसूस होता है। यह दोनों मुंबई और भारत के लिए मैच विनर्स रहे हैं। भले ही अभी इनका समय नहीं हो, लेकिन समय है कि उनका समर्थन करें न कि उनकी आलोचना करें। आलोचना करना तो आसान है।'

शार्दुल ठाकुर ने अय्यर और रहाणे के मैदान में प्रतिबद्धता के बारे में बातचीत की और कहा कि जब वो ड्रेसिंग रूम में होते हैं तो लोगों के आदर्श हैं। ठाकुर ने कहा, 'अजिंक्‍य रहाणे रन नहीं बना रहे हैं, लेकिन मैदान में उनका बर्ताव शानदार है। मुंबई में कई युवा अंडर-19 और अंडर-23 के प्‍लेयर्स आते हैं और उनका बर्ताव वैसा नहीं है, जैसा रहाणे का है। आप उन्‍हें स्लिप में देखें, भले ही वो 80 ओवर फील्डिंग कर चुके हैं, लेकिन बाउंड्री रोकने के लिए दौड़ जाते हैं।'

ऑलराउंडर ने आगे कहा, 'श्रेयस अय्यर मैदान पर शेर की तरह घूमते हैं। वो मैदान पर अपना सबकुछ झोंकते हैं। जब वे ड्रेसिंग रूम में होते हैं तो दोनों ही आदर्श हैं।'

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