शशांक मनोहर ने मार्च 2017 में अपने व्यक्तिगत कारणों से अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) के चेयरमैन पद से इस्तीफा देने का मन बनाया था। सभी आईसीसी के अधिकारियों ने उनको इस पद पर बने रहने के लिए कहा था। अधिकारीयों की बातों को मानते हुए शशांक मनोहर ने अपने आईसीसी चेयरमैन पद के कार्यकाल पर बने रहने का फैसला किया है। रिपोर्ट के अनुसार उनका कार्यकाल अब जून 2018 में होने वाली वार्षिक कॉन्फ्रेंस तक हो गया है। वार्षिक कॉन्फ्रेंस में आईसीसी के नए कानून और आर्थिक मॉडल पर बातचीत होती है। 59 वर्षीय मनोहर ने साल 2015 में आईसीसी चेयरमैन के पद को संभाला था। मनोहर को पूर्व भारतीय क्रिकेट बोर्ड अध्यक्ष एन श्रीनिवासन के स्थान पर चेयरमैन बनाया गया था। मनोहर के अध्यक्षता में आईसीसी ने नए रेवन्यू मॉडल को बनाया गया है। जिसमे 'बिग थ्री' मॉडल का विरोध किया गया है। मनोहर ने इस फैसले पर व्यक्तिगत राय रखते हुए कहा था, 'मैं तीनों देशो के 'बिग थ्री' मॉडल से खुश नहीं हूं। तीनों ने आईसीसी को अपने इशारों पर रखा हुआ था, जो गलत है। मेरा मानना है कि कोई भी समूह संस्था किसी भी एक व्यक्तिगत संस्था से बड़ी होती है। इसीलिए हमने इस पर सोच विचार करके नए रेवन्यू मॉडल को स्थापित किया है।' भारतीय क्रिकेट बोर्ड ने इस फैसले का विरोध किया है। बीसीसीआई ने आईसीसी को पत्र और नोटिस लिखे हुए है। इसी विवाद के चलते बीसीसीआई ने भारतीय टीम के चयन पर रोक लगा दी थी। लेकिन सुप्रीम कोर्ट के द्वारा बनाई गई प्रबंधक समिति के आदेश पर बोर्ड ने 7 मई को भारतीय टीम का चयन कर दिया था। रेवन्यू मॉडल विवाद पर अभी भी सोच विचार किये जा रहे है। सभी विवादों के रहते हुए प्रबंधक समिति ने शशांक मनोहर को इंडियन प्रीमियर लीग के फाइनल मैच के लिए आमंत्रित किया है। आमंत्रण को स्वीकार करते हुए मनोहर मैच देखने आ सकते है। शशांक मनोहर चाहेंगे की बीसीसीआई से चल रहे विवाद को जल्द से जल्द सुलझाया जाए और क्रिकेट को आगे बढाया जाए।