भारतीय सलामी बल्लेबाज शिखर धवन ने कहा की डेविड मिलर को मिले जीवनदान और बारिश की वजह से मैच का रुख बदल गया और भारत मैच हार गया। मैच में मिलर को दो जीवनदान मिले, पहले चहल की गेंद पर मिलर का कैच छूटा उस समय मिलर 6 रन बना कर खेल रहे थे। उसी ओवर में चहल ने मिलर को बोल्ड भी कर दिया लेकिन अंपायर ने गेंद को नो-बॉल करार दिया। मिलर ने मैच में 28 गेंद पर 39 रन बनाये। धवन ने कहा "हम काफी अच्छी स्थिति में थे लेकिन मिलर का कैच छूटने और नो-बॉल के कारण मैच का रुख बदल गया। बारिश का भी प्रभाव पड़ा, गेंद गीली होने की वजह से हमारे स्पिनर्स गेंद पर अच्छी तरह से पकड़ नहीं बना पाये और गेंद को टर्न नहीं करा पाये।" बारिश की वजह से मैच को दो बार रोका गया। पहली बार जब बारिश की वजह से मैच रोका गया तब भारत का स्कोर 200 रन था, तब भारत के 2 विकेट गिरे थे। बारिश की वजह से खेल को 53 मिनट तक रोका गया। भारत ने बारिश की वजह से मोमेंटम खो दिया और 50 ओवर में 7 विकेट खोकर 289 रन बना सके। दूसरी बार बारिश की वजह से 113 मिनट तक खेल रोका गया। इस वजह से 22 ओवर घटा दिए गये और दक्षिण अफ्रीका को 28 ओवर में 202 रन बनाने का लक्ष्य मिला। धवन ने कहा, "हमने पहले बल्लेबाजी करने का फैसला किया क्योंकि शाम को हवा की वजह से जोहांसबर्ग में गेंद ज्यादा हिलती है।" "हम अच्छे स्थिति में थे और काफी अच्छी तरह से बल्लेबाजी कर रहे थे लेकिन बारिश की वजह से हमारा मोमेंटम टूट गया, मेरे आउट होने के बाद रनों की गति कम हो गयी। हमने अच्छा स्कोर बनाया था, लेकिन बारिश होने के बाद आउटफील्ड गीला हो गया। मिलर ने भी अच्छा प्रदर्शन किया। मिलर को भाग्य का साथ मिला, पहले उसका कैच छूटा और फिर जिस गेंद पर वो बोल्ड हुआ, वह गेंद नो-बॉल थी। आम-तौर पर हमारे स्पिनर्स नो-बॉल नहीं करते हैं। मिलर ने दोनों जीवनदान का पूरा फायदा उठाया और मैच का रूख बदल दिया।" मैच में कुलदीप यादव और चहल की जोड़ी के ख़राब प्रदर्शन की काफी चर्चा हुई। कुलदीप यादव और यजुवेंद्र चहल ने मिलकर 11.3. ओवर में 119 रन खर्च किये। धवन ने भारतीय युवा स्पिनर्स कुलदीप और चहल का बचाव किया और बोला कि बस उनका दिन नहीं था। धवन ने कहा, "वे युवा हैं, उन्होंने अब तक अच्छा प्रदर्शन किया है। इन दोनों स्पिनर्स ने मिल कर हमें तीन मैच जीतने में मदद की है। मैं उनका समर्थन करता हूँ। आज उनका दिन नहीं था , किसी का भी दिन ख़राब हो सकता है। यह कोई ऐसा चीज नहीं है जो हमेशा हो। जैसा की हमेशा हमारे स्पिनर नो-बॉल नहीं डालेंगे। वे युवा हैं और उन्हें काफी चीजे सिखने को मिलेगी।" धवन ने भारतीय कप्तान विराट कोहली के भुवनेश्वर कुमार और बुमराह के बजाय चहल और कुलदीप से गेंदबाजी कराने के फैसले का भी बचाव किया। उन्होंने कहा, "उस समय कप्तान ने सोचा होगा कि दक्षिण अफ्रीकी बल्लेबाज स्पिनर्स के खिलाफ ज्यादा आक्रामकता से खेल रहे थे, हमें विकेट चाहिये थे। विकेट बल्लेबाजी के लिये काफी अच्छी थी और हम सिर्फ रन रोककर मैच नहीं जीत सकते थे, विकेट काफी महत्वपूर्ण थे। इसलिये कप्तान ने सोचा कि स्पिनर्स विकेट ले सकते है। कभी-कभी आप जोखिम लेते हैं और आपको उसका फायदा मिलता है, कभी-कभी आपको जोखिम का फायदा नहीं मिलता है।" धवन ने इस मैच में शतक भी बनाया था, यह धवन का 100वाँ अंतरराष्ट्रीय एकदिवसीय मैच था। धवन ने मैच में अपना 13 वाँ एकदिवसीय शतक लगाया, उन्होंने कोहली के साथ मिलकर 158 रनों की साझेदारी भी की थी। धवन ने कहा, "वह एक अच्छी पारी थी, मैंने इस पारी का आनंद उठाया। मैंने अपने 100वें मैच में शतक लगाया। दक्षिण अफ्रीका ने अच्छी तैयारी की थी लेकिन मैंने अच्छा प्रदर्शन किया। दूसरे छोर से कोहली भी अच्छी बल्लेबाजी कर रहे थे, तो मैंने उनका साथ दिया। मैं खुश हूँ की मैंने शतक बनाया। मैं बस इसी तरह खेलते हुए अपने प्रदर्शन में और सुधार करना चाहता हूँ।"