7 वर्ष पहले ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट पदार्पण कर शिखर धवन ने सभी को अपनी बल्लेबाजी का प्रशंसक बना लिया था। उनकी मैच जीताने की क्षमता पर किसी को कोई शक नहीं था। पिछले कुछ समय से बल्लेबाजी में अनियमितता उनकी परेशानी बनी हुई है। बांग्लादेश के खिलाफ हैदरबाद में होने वाले एकमात्र टेस्ट के लिए टीम में चयनित नहीं हुए शिखर को भरोसा है कि वे भारतीय टीम के लिए तीनों प्रारूपों में खेल सकता हैं। एन निजी चैनल की क्रिकेट वेबसाइट से बातचीत करते हुए इस बल्लेबाज ने कहा “दुर्भाग्य से मेरी चोट के समय मेरे स्थान पर खेलने वाले ओपनर बल्लेबाजों ने अच्छा प्रदर्शन किया। इसलिए मुझे मालूम था कि मैं उनकी तुलना में अच्छा स्कोर नहीं कर पा रहा था इसलिए टीम से बाहर किया जा सकता हूं। टीम इंडिया के लिए ओपनिंग बल्लेबाज होना आसान काम नहीं है, वहां बहुत प्रतियोगिता है। टीम से बाहर होने पर हर्ट होता है लेकिन यही चुनौती होती है जिसे मैं स्वीकार करके जीतूंगा। मैं अभी 31 वर्ष का हूं और टीम में वापसी कर सकता हूं। तीनों प्रारूपों में खेलने की क्षमता मेरे पास है।“ न्यूजीलैंड के खिलाफ ईडन गार्डन्स में हुए दूसरे टेस्ट के दौरान अंगूठे की चोट के बाद धवन को इंग्लैंड के खिलाफ हुई वन-डे सीरीज में टीम का हिस्सा बनाया गया था, जहां उन्होंने 1 और 11 का स्कोर बनाया। इसके बाद तीसरे एकदिवसीय के लिए उन्हें अंतिम 11 से बाहर कर दिया गया था। इंग्लैंड को भारत ने इस सीरीज में 2-1 से शिकस्त दी थी। जब बांग्लादेश के खिलाफ होने वाले एकमात्र टेस्ट के लिए धवन को टीम का हिस्सा नहीं बनाया गया, वहीं अन्य ओपनर अभिनव मुकुन्द की वापसी हो गई। पिछले कुछ समय से शानदार प्रदर्शन नहीं होने के बावजूद भी टीम प्रबंधन ने धवन का बचाव किया है। उनकी चोट के बाद टीम प्रबंधन को गौतम गंभीर और पार्थिव आदि विकल्पों की ओर जाना पड़ा। गौरतलब है कि मौजूदा सैयद मुश्ताक अली टी20 टूर्नामेंट में दिल्ली की ओर से खेलते हुए धवन ने 47 गेंदों में 82 रनों की नाबाद पारी खेली है, तथा चयनकर्ताओं का ध्यान आकर्षित करने की कोशिश की है।