शिखर धवन ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 2013 में अपने टेस्ट डेब्यू को याद किया तो काफी उत्सुक हो गए। बाएं हाथ के बल्लेबाज ने 174 गेंदों में 187 रन की पारी खेलकर अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में अपनी एंट्री की घोषणा की। भारत ने उस सीरीज में ऑस्ट्रेलिया को 4-0 से हराया था। चार वर्ष बाद, ऑस्ट्रेलिया की टीम फिर भारत दौरे पर आई और धमाकेदार प्रदर्शन करते हुए चार मैचों की सीरीज को 1-1 से बराबर कर रखा है। भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच धर्मशाला में सीरीज का चौथा व अंतिम टेस्ट अभी खेला जा रहा है। धवन ने विशाखापट्टनम में देवधर ट्रॉफी के मैच में शनिवार को शतक जमाकर अपनी वापसी के संकेत दिए। उन्होंने फिर भारत-ऑस्ट्रेलिया के बीच मौजूदा सीरीज के बारे में अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा, 'मैंने उम्मीद नहीं की थी कि ऑस्ट्रेलिया इस तरह लड़ाई करेगी। मेरे ख्याल से जिस तरह ऑस्ट्रेलिया ने इस सीरीज में खेला उससे भारतीय टीम थोड़ी अचंभित जरुर हुई होगी। मगर भारत की तैयारियां अच्छी है और उसने बैंगलोर टेस्ट में जोरदार वापसी की।' 31 वर्षीय खब्बू बल्लेबाज ने भारतीय टीम के सीरीज जीतने की उम्मीद करते हुए कहा, 'मेरे ख्याल से भारत के पास धर्मशाला टेस्ट जीतने का अच्छा मौका है क्योंकि उसने पहले दिन ऑस्ट्रेलिया को 300 रन पर ऑलआउट कर दिया। ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज जरुर कुलदीप यादव के एक्शन की वजह से मुश्किल में फंसे होंगे। इस तरह के गेंदबाज को खेलना आसान नहीं होता।' 'गब्बर' के नाम से लोकप्रिय धवन ने आगे कहा, 'पुजारा और साहा ने रांची में शानदार प्रदर्शन किया। उमेश यादव, आर अश्विन और रविंद्र जडेजा का भी बेहतर प्रदर्शन रहा। मुझे उम्मीद है कि हमारी टीम यह सीरीज जीतेगी। उन्हें अपनी जिम्मेदारी बखूबी पता है और वह इसे करने जरुर जाएंगे।' अपनी बल्लेबाजी के बारे में बात करते हुए धवन ने कहा, 'मैं अपनी तकनीक पर काम कर रहा हूं। मुझे पता है कि घरेलू सत्र में अच्छा खेल रहा हूं, लेकिन बड़ी पारी नहीं खेल पा रहा हूं। मैंने अपने बेसिक्स को मजबूत किया और तकनीक पर काम किया। मैंने लक्ष्मण भाई के मार्गदर्शन में काफी अच्छा समय बिताया और भारतीय टीम में संजय बांगर से काफी कुछ सीखा।' उन्होंने कहा, 'मैं इस टूर्नामेंट में बेहतरीन प्रदर्शन करना चाहता हूं। इसके बाद आईपीएल में अपने प्रदर्शन को जारी रखना चाहता हूं। अगर मैंने प्रदर्शन किया तो चीजें अपने आप बदल जाएंगी। मुझे संयोजन के बारे में ज्यादा चिंता नहीं है। एक बार मैंने प्रदर्शन किया तो टीम में जगह अपने आप बन जाएगी। यह सब ऐसे ही चलता है। अगर आप चीजें आसान रखते हैं तो स्पष्टता मिलती है।'