भारतीय क्रिकेट में शुभमन गिल एक उभरते हुए युवा खिलाड़ी हैं। उन्होंने अभी तक सिर्फ दो ही वनडे मैच खेले हैं लेकिन उनकी चर्चा हर तरफ है। भारतीय टीम के पूर्व कप्तान सौरव गांगुली वेस्टइंडीज दौर पर शुभमन के चयन न किए जाने से हैरान थे। कम समय में ज्यादा लोकप्रियता हासिल करने वाले पंजाब के इस बल्लेबाज के कुछ शॉट्स की तुलना भारतीय कप्तान विराट कोहली से भी की जाती है। शुभमन से कम उम्र में सफलता का राज पूछा गया तो उन्होंने इसका श्रेय अपने कोच राहुल द्रविड़ और पूर्व खिलाड़ी युवराज सिंह को दिया। उन्होंने कहा कि राहुल सर ने मुझे स्वाभाविक खेल खेलने की नसीहत दी तो युवराज सिंह ने दबाव का सामना करने का तरीका सिखाया है।
कुछ ही दिनों में 20 साल के होने जा रहे इस युवा खिलाड़ी ने कहा कि राहुल द्रविड़ भारतीय अंडर-19 टीम और फिर भारत-ए के वक्त से मेरे कोच हैं। मैं उनकी बातों को हमेशा अपने दिमाग में रखता हूं। वह कहते हैं कि हालात चाहे जैसे भी हों पर अपने स्वाभाविक खेल को नहीं भूलना चाहिए। मैं उनके बताए रास्तों पर चलता हूं। यही वजह है कि मैंने वेस्टइंडीज ए के खिलाफ दोहरा शतक जड़ा। इसे मैं लाल गेंद से अपनी सर्वश्रेष्ठ पारी करार दूंगा।
स्वाभाविक खेल से लाभदायक परिणाम न निकलने के सवाल पर शुभमन ने कहा कि बल्लेबाजी में अगर तकनीकी रूप से सशक्त बनना है तो मुझे अपने मूल खेल के बीच में ही बदलाव करने पड़ेंगे। राहुल द्रविड़ ने कहा था कि अगर मैंने अपना खेल बदला तो वह स्वाभाविक नहीं रहेगा। उससे सफलता मिलने की संभावनाएं कम हो जाएंगी।
शुभमन गिल फ्रंटफुट पर जिस तरह से ड्राइव लगाते हैं, उसकी तुलना विराट कोहली से की जाती है। इस पर उन्होंने कहा कि यह मेरा स्वाभाविक शॉट है। मैं स्पिनरों के खिलाफ चढ़कर खेलता हूं। बचपन से ही मैंने स्पिनरों के खिलाफ खेलने और ऐसे शॉट्स लगाने में परिपक्वता हासिल की है। युवराज सिंह के बारे में शुभमन ने कहा कि उनसे मुझे दबाव, शोहरत और सुर्खियों के बीच सामान्य बने रहने की सीख मिली। उन्होंने इस पक्ष को मजबूत करने में मेरी बहुत मदद की। पंजाब टीम के मेरे वरिष्ठ खिलाड़ी गुरकीरत कौर ने भी काफी मदद की है।
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