भारतीय टीम के युवा चाइनामैन गेंदबाज कुलदीप यादव ने आज ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ धर्मशाला में टेस्ट डेब्यू किया और अपनी गेंदों में गजब के मिश्रणों का उपयोग करके खेल पर प्रभाव छोड़ा।
कप्तान अजिंक्य रहाणे ने युवा गेंदबाज को लंच से कुछ देर पहले गेंदबाजी की जिम्मेदारी सौंपी और वह इस भरोसे पर खरे उतरे। हालांकि, लंच के बाद कुलदीप यादव ने लय हासिल की और ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजों को बाएं, दाएं और मध्य लाइन पर जमकर नचाया। चाइनामैन ने डेविड वॉर्नर को अजिंक्य रहाणे के हाथों कैच आउट कराकर अपने टेस्ट करियर का डेब्यू विकेट लिया। इसके बाद कुलदीप ने पीटर हैंड्सकोंब को गूगली पर क्लीन बोल्ड किया। हैंड्सकोंब ने यादव की फुल लेंथ वाली गेंद पर ड्राइव लगाने की कोशिश की, लेकिन उनके बल्ले और पेड के बीच काफी अंतर रह गया। गेंद ऑफ़स्पिन होते हुए सीधे स्टंप्स पर जाकर लगी। यह भी पढ़ें : कुलदीप यादव के बारे में जानने योग्य 10 बातें हालांकि, कुलदीप ने अपनी सर्वश्रेष्ठ गेंद ग्लेन मैक्सवेल के लिए बचा रखी थी। रांची टेस्ट में शतक ज़माने वाले मैक्सवेल विश्वास से लबरेज थे, लेकिन वह युवा गेंदबाज की फिरकी में बुरी तरह उलझ गए। कुलदीप ने लेग स्टंप की लाइन पर गेंद डाली जो मैक्सवेल के लिए लेग स्पिन साबित हुई। मैक्सवेल अपना बल्ला नहीं अड़ा सके और गेंद सीधे स्टंप्स पर जाकर लगी। भारतीय टीम ने इस विकेट का जोरदार जश्न मनाया और 23 वर्षीय युवा चाइनामैन ने टीम की जोरदार वापसी कराई। मेजबान टीम को इन विकेट की सख्त जरुरत थी क्योंकि लंच के समय ऑस्ट्रेलिया की टीम 131/1 के स्कोर के साथ सुखद स्थिति में नजर आ रही थी। हालांकि, कुलदीप की शानदार गेंदबाजी की बदौलत भारत ने ऑस्ट्रेलिया को पहली पारी में 300 रन पर ऑलआउट कर दिया। इसके बाद भारत ने स्टंप्स के समय 1 ओवर में बिना विकेट गंवाए रनों का खाता नहीं खोला था। इससे पहले कुलदीप यादव को टेस्ट कैप पूर्व भारतीय लेग स्पिनर और मौजूदा कोच लक्ष्मण शिवरामाकृष्णन ने भेंट की। धर्मशाला में भारत ने 5 विशेषज्ञ गेंदबाजों के साथ मैदान संभालना सही समझा।