कटक में गुरुवार को इंग्लैंड के खिलाफ खेले गए एकदिवसीय मुक़ाबले ने पुरानी यादें ताजा करा दी, जब युवराज सिंह ने अपने स्वाभाविक अंदाज में 150 रनों की आतिशी पारी खेलते हुए मैदान पर मौजूद दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। 25-3 स्कोर के बाद युवी और धोनी ने मिलकर आक्रामक रुख अपनाते हुए मेहमान फील्डरों को मैदान के चारों ओर परेड कराई। इन दोनों ने 200 से भी अधिक रनों की साझेदारी कर 10 से अधिक शतकीय साझेदारी करने वाली पांचवीं भारतीय जोड़ी बनने का गौरव भी हासिल कर लिया। महेंद्र सिंह धोनी ने भी चौकों और छक्कों की बरसात कर शानदार 134 रनों की पारी खेली और 3 वर्ष बाद अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में सैंकड़ा जड़ दिया। इंग्लैंड के गेंदबाजों ने सब कुछ आजमाया लेकिन इन दोनों भारतीय बल्लेबाजों को रोकने में सफल नहीं हो पाए। यह भी पढ़ें: युवराज-धोनी के शतकों की मदद से भारत ने इंग्लैंड के खिलाफ वन-डे सीरीज में 2-0 की अजय बढ़त बनाई मैदान पर धोनी की बल्लेबाजी के दौरान एक मजेदार वाकया घटा, 44 वें ओवर में माही 103 रन पर बल्लेबाजी कर रहे थे। तब इंग्लैंड के गेंदबाज लियाम प्लंकेट ने क्रीज़ से बाहर आकर गेंद की, इसके बाद बाद गेंद को नो बॉल करार दिया गया। अगली गेंद धोनी को फ्री हिट मिली, इसे उन्होंने छक्का मारने के लिए बल्ला घुमाया लेकिन गेंद उन्हें चकमा देती हुई स्टंप्स पर टकरा गई और कीपर के पीछे चार रन के लिए बाउंड्री पार चली गई। अंपायर ने चार रन बाई के रूप में दिये और इस घटना पर सभी हक्के-बक्के रह गए, किसी को इस बात का अंदाजा नहीं था कि इस प्रकार भी चार रन मिल सकते हैं। शायद क्रिकेट इतिहास में ऐसी घटनाएं बहुत कम ही घटित हुई है। इससे पहले भी धोनी के 93 रन के निजी स्कोर पर एक फुलटॉस गेंद पर लगाए गए शॉट पर गेंद स्पाइडर कैमरे पर लग गई थी। निश्चित रूप से गेंद छह रनों के लिए जा रही थी लेकिन इसे डेड बॉल करार दिया गया। गौरतलब है कि धोनी और युवराज के प्रयासों से ही भारतीय टीम ने कटक एकदिवसीय मैच में 381 रन का विशाल स्कोर खड़ा करने के बाद 15 रनों से मैच जीतकर 2-0 से सीरीज में अजय बढ़त प्राप्त कर ली है।