हाल ही में भारतीय टीम के फील्डिंग कोच एस. श्रीधर ने भारतीय टीम में हुये फील्डिंग सुधारों की तारीफ की थी। इंग्लैंड के खिलाफ चल रही मौजूदा टेस्ट सीरीज में पहले टेस्ट मैच के पहले दिन उमेश यादव ने इंग्लैंड के शतकवीर जो रूट का कैच कुछ अजीब ढंग से लिया। इस पर बहस शुरू हो गई कि यादव द्वारा पकड़ा गया कैच सही था या नहीं। इंग्लैंड की पारी के 80वें ओवर में जो रूट ने उमेश यादव की एक ओवर पिच गेंद को वापस उन्ही की दिशा में खेला। गेंद हवा में रही और उमेश यादव ने उसे दौड़ते हुए पकड़कर हवा में उछालने का प्रयास किया लेकिन गेंद उनके हाथ से छिटककर गिर गई। बल्लेबाज इसके बाद मैदान पर रुककर यह जानने में जुट गए कि कैच सही तरह से पकड़ा गया या नहीं। उस समय ऐसा लग रहा था कि यादव ने यह रिटर्न कैच पकड़ने में कोई गड़बड़ कर दी है। रीप्ले से नजर आया कि गेंदबाज ने कैच आसानी से पकड़ लिया है लेकिन गेंद को हवा में उछालकर जश्न मनाते समय गेंद उनके हाथ से निकाल गई। मैदानी अंपायर कुमार धर्मसेना और क्रिस गैफने ने मामले को तीसरे अंपायर रोड टकर के पास भेज दिया जहां से फैसला गेंदबाज के पक्ष में आया। स्लो मोशन में जब रीप्ले देखा गया, तो अंपायर टकर ने पाया कि यादव ने नियंत्रण के साथ गेंद को पकड़ लिया था तथा खुद के ऊपर से गेंद को हवा में उछाल जश्न मनाना चाहते थे। इस दौरान गेंद उनके हाथ से निकाल गई। फैसला मेजबान टीम के पक्ष में आया लेकिन टीवी रीप्ले से पहले कमेंटेटर्स के बीच यह चर्चा का विषय बन गया कि गेंदबाज ने गेंद को खुद से दूर फेंकने से पहले साफ कैच पकड़ा या नहीं। क्रिकेट रूल बुक में कैच आउट करने के नियम 32 के अनुसार कैच पकड़ने की शुरुआत से लेकर अंत तक फील्डर का खुद व गेंद पर पूरी तरह नियंत्रण होना जरूरी होता है। कैच का वीडियो देखने के लिए यहाँ क्लिक करें