ऑस्ट्रेलिया महिला (Australia women cricket team) और भारत महिला (India Women Cricket team) ने शुक्रवार को मैके में बेहद रोमांचकारी दूसरा वनडे मैच खेला। मेजबान टीम ने आखिरी गेंद पर 5 विकेट से मुकाबला जीता। ऑस्ट्रेलियाई महिला क्रिकेट टीम की यह लगातार 26वीं वनडे जीत रही।
हालांकि, भारत महिला और ऑस्ट्रेलिया महिला क्रिकेट टीम के बीच आखिरी ओवर ने सुर्खियां बटोरी। ऐसा लगा कि भारत ने आखिरी गेंद पर मुकाबला जीत लिया है, लेकिन अंपायर्स ने हस्तक्षेप किया और तीसरे अंपायर की मदद ली। दरअसल, झूलन गोस्वामी ने आखिरी गेंद फुलटॉस डाली थी।
मैदानी अंपायर्स ने तीसरे अंपायर से जानना चाहा कि क्या यह नो बॉल है। कई रीप्ले के बाद इसे कमर के ऊपर की नो बॉल करार दिया गया। भारतीय टीम ने आखिरी गेंद पर विकेट लेने के कारण जीत का जश्न मना लिया था। मगर तीसरे अंपायर द्वारा नो बॉल देने से उनके हाथ निराशा लगी।
ऑस्ट्रेलिया महिला टीम को आखिरी गेंद पर दो रन की दरकार थी। कैरी और बेथ मूनी ने आखिरी गेंद पर दो रन बनाकर अपनी टीम को यादगार जीत दिलाई।
टीम इंडिया ने मैदान में वैसे पूरी पारी के दौरान अच्छी फील्डिंग नहीं की थी। मगर ऐसी भावना थी कि आखिरी ओवर में नो बॉल विवादित थी।
हालांकि, स्मृति मंधाना ने इस फैसले पर किसी भी प्रकार का विवाद बढ़ने से रोक दिया। उन्होंने कहा कि टीम के रूप में इस गेंद का फुटेज देखना बाकी है और इसके बाद ही इस पर कोई टिप्पणी की जा सकती है।
मंधाना ने मैच के बाद कहा, 'हमने एक टीम के रूप में अभी वो गेंद नहीं देखी है। हम मैदान पर थे। इसलिए यह कह पाना बहुत मुश्किल है कि यह कमर के ऊपर की नो बॉल थी या नहीं। हमारे लिए कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी। हमें पहले गेंद को देखना होगा। जब यह चीजें आपके पक्ष में जाती हैं, तो आप बहुत खुश होते हैं। मगर ऐसा नहीं होता तो विवाद में जुड़ जाता है। मैंने अब तक गेंद को नहीं देखा है।'
फॉर्म में लौटकर खुश हैं मंधाना
भारतीय ओपनर स्मृति मंधाना इस मैच में फॉर्म में लौटी। उन्होंने 94 गेंदों में 11 चौके की मदद से 86 रन बनाए। स्मृति अपनी टीम के लिए रन बनाकर खुश हैं।
स्मृति मंधाना ने कहा, 'मैं सोच रही थी कि कहां सुधार करना है। सपोर्ट स्टाफ और सभी ने मेरा साथ दिया। पहली पारी में आकर रन का योगदान देकर खुश हूं। 86 रन पर आउट होने से दुख हुआ। अगर मैं बड़ी पारी खेलती तो खुश होती।'