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दादा ने जिस तरह से धमाकेदार अंदाज़ में अपने क्रिकेट जीवन का आग़ाज़ किया, कुछ उसी तरह उन्होंने अपने करियर का अंत भी किया। दादा ने कई उतार चढ़ाव देखा और हमेशा बल्लों के साथ साथ ज़ुबां से भी जवाब दिया। अपनी आख़िरी अंतर्रष्ट्रीय सीरीज़ में भी सौरव गांगुली का बल्ला पूरे शबाब पर था, ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ मोहाली में दादा ने एक ऐसी पारी खेली जिसके बाद हर तरफ़ से यही आवाज़ आ रही थी कि गांगुली को अभी संन्यास नहीं लेना चाहिए था। गांगुली ने मोहाली टेस्ट की पहली पारी में अपने करियर का आख़िरी शतक लगाया और भारत को बड़े स्कोर तक पहुंचाया, दादा के इस शतक ने भारत की जीत की नींव रखी और टीम इंडिया ने ये टेस्ट 320 रनों से जीता।
Edited by Staff Editor