हाल ही में अंतरराष्ट्रीय टेस्ट मैचों में टॉस की प्रथा खत्म करने की खबरें आई थी। इसको लेकर कई पूर्व क्रिकेटरों ने असहमति जताई थी। पूर्व भारतीय कप्तान सौरव गांगुली ने भी व्यक्तिगत तौर पर टॉस समाप्त करने पर असहमति जताई है। बाएं हाथ के इस पूर्व भारतीय खिलाड़ी ने कहा कि टॉस समाप्त होने से 140 साल पुरानी परंपरा भी खत्म हो जाएगी। इससे पहले बिशन सिंह बेदी और दिलीप वेंगसरकर ने भी टॉस की प्रथा हटाने की बातों पर आवाज उठाई थी। इंडिया टूडे की रिपोर्ट के मुताबिक सौरव गांगुली ने कहा कि अभी देखना होगा कि इस प्रयोग को लागू किया जाता है अथवा नहीं क्योंकि टॉस हटाने पर 140 साल पुरानी परंपरा का भी अंत हो जाएगा। आगे उन्होंने कहा कि मैं व्यक्तिगत तौर पर यह नहीं चाहता कि टेस्ट क्रिकेट से टॉस को हटाया जाए। गौरतलब है कि आईसीसी की क्रिकेट समिति की बैठक में टॉस हटाने पर चर्चा होने की संभावना है। इस समिति में पूर्व खिलाड़ी, एलिट पैनल के अम्पायर्स और कोच शामिल हैं। क्रिकेट समिति की बैठक इस महीने मुंबई में होनी है। इस समिति में पूर्व भारतीय कप्तान अनिल कुंबले भी शामिल हैं। ऑस्ट्रेलिया के दो पूर्व कप्तान रिकी पोंटिंग और स्टीव वॉ ने इसमें आईसीसी के पक्ष में बयान दिए हैं वहीँ वेस्टइंडीज के पूर्व तेज गेंदबाज माइकल होल्डिंग और जावेद मियांदाद ने कहा कि इस तरह के फैसले से प्रतिस्पर्धा में बढ़ोतरी होगी। उल्लेखनीय है कि सौरव गांगुली वह नाम है जिन्होंने मैदान के अन्दर और बाहर बेबाकी से अपनी राय रखी है और वे इसके लिए ही जाने जाते हैं। इस मसले पर भी उन्होंने सीधे शब्दों में अपनी बात कही है। देखना दिलचस्प रहेगा कि और कौन से खिलाड़ी आईसीसी के इस प्रस्ताव का समर्थन करते हैं। हालांकि फिलहाल क्रिकेट जगत इस मामले पर बिलकुल दो भागों में बंटा हुआ है। दादा की बात की तरफ गौर किया जाए तो उनका मानना सही है क्योंकि टेस्ट के साथ टॉस हमेशा से जुड़ा रहा है।