अक्षर पटेल को बल्लेबाजी के लिए जल्दी भेजने का मकसद धोनी पर से दबाव हटाना था : सौरव गांगुली

टेस्ट सीरीज में वाइटवॉश झेलने वाली न्यूजीलैंड ने भारत दौरे पर वन-डे सीरीज में शानदार वापसी की और अब उसके पास ट्रॉफी जीतने का सुनहरा अवसर है। भारत और न्यूजीलैंड के बीच पांच मैचों की वन-डे सीरीज 2-2 से बराबर है और सीरीज का आखिरी मैच विशाखापत्तनम में 29 अक्टूबर को खेला जाएगा। बुधवार को कीवी टीम ने शानदार प्रदर्शन करते हुए 260 रन के स्कोर का सफलतापूर्वक बचाव किया। मेहमान टीम ने भारत को 19 रन से हराकर सीरीज बराबर की और फाइनल मैच का रोमांच चरम पर पहुंचा दिया। मैच के बाद कप्तान एमएस धोनी ने मेहमान टीम की बल्लेबाजी की शुरुआत को निर्णायक बताते हुए कहा कि कुछ ऐसे फैसले भी रहे जिससे खेल पर असर पड़ा। इनमें से एक फैसला अक्षर पटेल को मनीष पांडे और केदार जाधव पर तरजीह देते हुए पांचवे क्रम पर बल्लेबाजी करने के लिए भेजना था। यह फैसला हालांकि गलत होता नहीं दिखा क्योंकि वह अंत में आउट हुए। मगर टीम नहीं जीत सकी। पूर्व कप्तान सौरव गांगुली का मानना है कि अक्षर को पांचवें क्रम पर इसलिए बल्लेबाजी करने के लिए भेजा था ताकि धोनी पर से दबाव कम हो। कीवी टीम में दो बाएं हाथ के स्पिनर थे और ऐसे में पिच पर मौजूद दाएं हाथ के दोनों बल्लेबाजों को इससे तकलीफ हो सकती थी। गांगुली ने कहा, 'मेरे ख्याल से अक्षर पटेल को ऊपर भेजना ख़राब फैसला नहीं था क्योंकि कीवी टीम में कई बाएं हाथ के स्पिनर थे और ऐसे में धोनी पर से दबाव हट जाता। जब दो दाएं हाथ के बल्लेबाज हो तो उनके लिए स्ट्राइक रोटेट करना आसान नहीं होता। ऐसा ही हुआ था। इसलिए एमएस धोनी को कमजोर गेंद मिलने के लिए अक्षर पटेल को ऊपर भेजा गया। मुझे नहीं लगता कि यह ख़राब फैसला नहीं था। ' उन्होंने कहा, 'न्यूजीलैंड इस सीरीज में कई बार इस मुश्किल में फंस चुकी है। भारत भी कम मुश्किल में घिरा जब विराट, धोनी, रहाणे और केदार जाधव जल्दी-जल्दी आउट हुए। जब आप जल्दी विकेट गंवाएंगे तो दबाव में होंगे। ' 21 वर्षीय बल्लेबाज ने अंत तक किला लड़ाया और अमित मिश्रा के साथ साझेदारी करके मैच रोमांचक मोड़ पर ले गए। मगर एक गलत रनआउट होने के बाद भारत अपने 10वें और 11वें बल्लेबाज पर निर्भर होगी। धवल और उमेश ने भी अपना सर्वश्रेष्ठ प्रयास किया, लेकिन दोनों टीम को जीत नहीं दिला पाए।