अजिंक्य रहाणे को वन-डे से हटाना सबसे बड़ी गलती होगी : सौरव गांगुली

70 के दशक से वन-डे क्रिकेट के उदय के बाद ऐसे कई खिलाड़ी आए, जिन्होंने अपनी नैसर्गिक क्षमता और फुर्ती से इस प्रारूप की रौनक बढ़ाई और बताया कि खेल कैसे खेला जाता है। हालांकि, कुछ खिलाड़ी ऐसे भी रहे जो इस प्रारूप में नहीं ढल सके और वह लंबे प्रारूप में सफल लेकिन सीमित ओवरों में उम्मीद के मुताबिक प्रदर्शन नहीं कर सके। आधुनिक खेल में अगर ऐसा कोई खिलाड़ी है तो उसका नाम अजिंक्य रहाणे है। 28 वर्षीय रहाणे मौजूदा समय में भारत के सर्वश्रेष्ठ टेस्ट बल्लेबाज हैं और सफेद पोशाक में उनका योगदान अतुल्नीय रहा है। मगर जब बात सीमित ओवरों की आती है तो उन्हें मुश्किल होती है और उसका परिणाम यह है कि वह इस प्रारूप में उम्दा योगदान नहीं दे पा रहे हैं। पूर्व भारतीय कप्तान सौरव गांगुली का मानना है कि रहाणे को समझाने की जरुरत है कि टीम में उनकी क्या भूमिका है और साथ ही कहा कि वन-डे टीम में उनका चयन नहीं करना बड़ी मुश्किल होगी। गांगुली ने इंडिया टुडे से बातचीत में कहा, 'रहाणे बाउंड्री जमाने वाले बल्लेबाज नहीं है। उन्हें कुछ समय की जरुरत होती है और फिर वह गैप में शॉट जमाते हैं। वन-डे टीम से उन्हें बाहर रखना टीम की बड़ी गलती होगी।' उन्होंने आगे कहा, 'मेरे ख्याल से रहाणे की जगह खतरे में नहीं है। वह थोड़े राहुल द्रविड़ जैसे हैं। जब द्रविड़ क्रीज पर आते थे तो रन-रेट के लिए थोड़ा संघर्ष करते थे। उन्हें एक जिम्मेदारी मिली और टीम प्रबंधन को रहाणे के साथ ऐसा करने की जरुरत है।' रहाणे के पक्ष में एक और बात यह रही कि दिल्ली में पिछले सप्ताह दूसरे वन-डे से पहले प्रमुख कोच अनिल कुंबले ने सभी संदेहों को दरकिनार करते हुए कहा कि रहाणे पूरी सीरीज में ओपनिंग करेंगे। कुंबले ने कहा था, 'इस समय रहाणे शीर्षक्रम पर फिट बैठते हैं और इस पर हमारा पूरा ध्यान है।धवन और राहुल के फिट होने के बाद हमारे पास विकल्प बढ़ जाएंगे। मगर इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज के बाद हम इस पर ध्यान देंगे। न्यूजीलैंड के खिलाफ वन-डे सीरीज में रहाणे ओपनिंग करेंगे और चैंपियंस ट्रॉफी को ध्यान में रखते हुए हम उपरीक्रम का आकार बनाएंगे।' टीम प्रबंधन के समर्थन को ध्यान में रखते हुए रहाणे को दमदार पारी खेलने की जरुरत है और उम्मीद करते हैं कि वो कीवी टीम के खिलाफ सीरीज में दमदार प्रदर्शन करें।

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