अनिल कुंबले और विराट कोहली का विदेशी जमीन पर होगा असली इम्तिहान: सौरव गांगुली

सौरव गांगुली भारत के सबसे सफल कप्तानों में से एक रहे हैं और कप्तानी में उनकी दबाव झेलने की क्षमता के बारे में कोई भी अनजान नहीं है। भारतीय क्रिकेट में श्रेष्ठ सफल कालखंडों में शुरुआत करने वाले गांगुली का ऐसा वक्त भी आया जब कोच से गलतफहमी के चलते उन्हें टीम से बाहर होना पड़ा। अपनी कप्तानी में गांगुली ने दो मुख्य चीजें शुरू की, टीम में युवाओं का चयन और भारत से बाहर की परिस्थितियों में मानसिक बदलाव लाना। गांगुली की कप्तानी में भारत ने 49 टेस्ट मैच खेले जिनमें 21 में जीत और 13 में हार का रिकॉर्ड रहा। 2014 में महेंद्र सिंह धोनी के सन्यास के बाद विराट कोहली कप्तान बने। इंग्लैंड के खिलाफ विशाखापट्टनम में दूसरा टेस्ट जीतने के बाद उनकी कप्तानी में भारत 11 टेस्ट मैच जीत चुका है। भारतीय टीम अब तक लगातार 15 टेस्ट मैच जीत चुकी है और आगे अभी इस टीम को कई और मैच खेलने हैं, ऐसे में बिना हारे लगातार जीतने का रिकॉर्ड भी यह टीम बना सकती है। पूर्व भारतीय कप्तान इंडिया टूड़े से बातचीत में कहा “कोहली ने अच्छा रिकॉर्ड बनाया है लेकिन उन्होंने काफी टेस्ट भारत में ही खेले हैं। जब आप देश में खेलते हो तो फायदेमंद होता है लेकिन इसका श्रेय मैं उनको देता हूँ।“ गांगुली ने यह सवाल भी उठाया कि कोहली को बाहर की परिस्थितियों में अभी तक नहीं परखा गया है। उन्होंने माना कि कुछ वर्ष टॉप पर रहने के बाद कप्तानी बोझ लगती है। “कप्तानी एक ऐसी चीज है जो समय के साथ भारी हो जाती है। शुरुआती दिन अच्छे होते हैं। कोहली की परीक्षा तब होगी जब टीम देश से बाहर खेलने जाएगी। अब तक उनके लिए सब आसान रहा है।" गांगुली भारतीय क्रिकेट में श्रेष्ठ प्रबंधकों में से एक रहे हैं और अनिल कुंबले को टीम का कोच चुने जाने में उनकी अहम भूमिका रही थी। कुंबले के कोच के रूप में प्रदर्शन पर उन्होंने कहा कि वे अपने पुराने साथी के बारे में विदेशी जमीन पर प्रदर्शन के बाद ही कुछ बोलेंगे।