पूर्व भारतीय कप्तान सौरव गांगुली ने राजकोट टेस्ट में शतक जड़ने वाले युवा बल्लेबाज पृथ्वी शॉ की तुलना वीरेंदर सहवाग से करने से इन्कार किया। उन्होंने कहा कि शॉ को सहवाग जैसा बताना फिलहाल जल्दी होगी। उन्हें अभी विदेशी दौरों पर भी जाना है। आगे भी उनका खेल देखना होगा।
दादा ने पूर्व भारतीय बल्लेबाज सहवाग को जीनियस बताया और कहा कि पृथ्वी शॉ को दक्षिण अफ्रीका, ऑस्ट्रेलिया में खेलने दें और मुझे विश्वास है कि वे रन बनाएंगे। पृथ्वी शॉ की बल्लेबाजी को लेकर दादा ने कहा कि मैं उनसे प्रभावित हुआ हूं और उनका स्वभाव भी काफी सकारात्मक है।
गौरतलब है कि गांगुली से पहले सुरेश रैना और वीवीएस लक्ष्मण भी इस 18 वर्षीय युवा बल्लेबाज के लिए प्रतिक्रिया दे चुके हैं। इन दोनों ने पृथ्वी शॉ में वीरेंदर सहवाग की झलक दिखने की बात स्वीकार की है लेकिन दादा ने फिलहाल इससे इन्कार किया है। समय की बात उन्होंने कही है क्योंकि एक टेस्ट मैच के आधार पर तुलना करना सही भी नहीं होता।
राजकोट टेस्ट मैच में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट का आगाज करने वाले पृथ्वी शॉ ने महज 99 गेंद खेलते हुए पहला सैकड़ा जड़ दिया। 134 रनों की पारी में उन्होंने 19 चौके जड़े। चेतेश्वर पुजारा के साथ मिलकर उन्होंने 200 से ज्यादा रनों की साझेदारी भी की। इससे पहले उनको इंग्लैंड के खिलाफ अंतिम टेस्ट में जगह नहीं मिली थी। उस दौरान हनुमा विहारी ने डेब्यू किया था।
भारतीय टीम ने पहली पारी 9 विकेट पर 649 रनों अर घोषित की। विराट कोहली, पृथ्वी शॉ, रविन्द्र जडेजा ने शतकीय पारियां खेली। ऋषभ पन्त और चेतेश्वर पुजारा शतक जड़ने से चूक गए। दूसरे दिन का खेल समाप्त होने तक वेस्टइंडीज की पारी में 6 विकेट गिर चुके थे और उन पर फॉलोओन का खतरा भी मंडरा रहा है। मेहमान टीम के लिए तीसरे दिन का खेल अहम रहने वाला है।