वर्ल्ड कप 2003 का फाइनल खेलने वाले 11 खिलाड़ी: जानिए अब वे कहां हैं ?

2003 Indian World cup team

भारतीय प्रशंसक 2003 में दक्षिण अफ्रीका में हुए विश्व कप को कभी नहीं भूल पाएंगे। यह क्रिकेट इतिहास के सबसे यादगार टूर्नामेंटों में से एक था।

भारतीय टीम विश्व कप जीतने के बेहद करीब पहुँच गई थी लेकिन फाइनल में उसे ऑस्ट्रेलिया के हाथों हार का सामना करना पड़ा। ऑस्ट्रेलिया ने अपने सभी मैच जीतने के बाद फाइनल में जगह बनाई। दूसरी ओर, भारत ने उस विश्व कप में ऑस्ट्रेलिया को छोड़कर हर टीम को हराया था।

भारतीय कप्तान सौरव गांगुली ने फाइनल में टॉस जीतकर पहले गेंदबाज़ी करने का निर्णय लिया, जिसका शायद उन्हें बाद में पछतावा हुया हो क्योंकि अपने पहले ही ओवर में ज़हीर खान ने काफी रन लुटा डाले थे। इसके बाद ऑस्ट्रेलियाई टीम ने पीछे मुड़कर नहीं देखा।

रिकी पोंटिंग और साथी खिलाड़ियों ने भारतीय गेंदबाजों को मैदान के चारों ओर मनचाहे शॉट लगाए और स्कोर को 359 तक पहुंचा दिया।

जबाव में भारत ने पहले ही ओवर में सचिन तेंदुलकर का कीमती विकेट गंवा दिया। टूर्नामेंट के शीर्ष स्कोरर के आउट होने के बाद भारतीय प्रशंसकों की उम्मीदें को को गहरा झटका लगा।

वीरेंद्र सहवाग और राहुल द्रविड़ के अलावा कोई भी बल्लेबाज़ टिक कर नहीं खेल सका और भारत ने यह मैच 125 रनों से गंवा दिया। ऐसे में आगामी विश्व कप को देखते हुए विश्व कप 2003 का विश्व कप खेलने वाले खिलाड़ियों के बारे में जानना दिलचस्प होगा।

तो आइए जानते हैं इस विश्व कप में खेलने वाले 11 खिलाड़ी अब कहाँ हैं:

#1. सचिन तेंदुलकर और वीरेंदर सहवाग

Sachin Tendulkar and Virender Sehwag

यह जोड़ी क्रिकेट इतिहास की सबसे खतरनाक जोड़ियों में से एक मानी जाती थी। इस विश्व कप में दोनों बल्लेबाजों द्वारा पाकिस्तान के खिलाफ खेली गई शानदार पारियां आज भी हर भारतीय प्रशंसक के ज़ेहन में ताज़ा हैं।

सचिन तेंदुलकर ने इस टूर्नामेंट में 673 रन बनाए थे जो कि किसी भी बल्लेबाज़ द्वारा विश्व कप में बनाया सर्वाधिक स्कोर है। मास्टर वर्तमान में क्रिकेट से संन्यास के बाद परिवार के साथ जीवन का आनंद ले रहे हैं और आईपीएल में मुंबई इंडियंस के मेंटर हैं।

वहीं, विश्व-कप फाइनल में भारत के शीर्ष स्कोरर रहे सहवाग ने अपनी तरफ से पूरी कोशिश की लेकिन दूसरे छोर से उन्हें कोई साथ नहीं मिला। 'वीरू' ने 2015 में क्रिकेट के सभी प्रारूपों से संन्यास ले लिया। उसके बाद से, उन्होंने क्रिकेट कमेंट्री और किंग्स इलेवन पंजाब के मेंटर की भूमिका भी निभाई। पूर्व भारतीय ओपनर दिल्ली में एक अंतर्राष्ट्रीय स्कूल भी चलाते हैं।

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#2. सौरव गांगुली और मोहम्मद कैफ

Sourav Ganguly of India

भारत के फाइनल तक पहुँचने का मुख्य कारण सौरव गांगुली की कप्तानी थी। उन्होंने मैच फिक्सिंग कांड के बाद टीम को एकजुट किया और इसे दुनिया के हरेक कोने में जीतने का हौसला दिया। केवल एक चीज जो वह अपने करियर में हासिल नहीं कर सके, वह था विश्व कप खिताब।

पूर्व भारतीय कप्तान ने 2012 में अन्तर्राष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कह दिया। वर्तमान में, वह बंगाल क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष हैं। मोहम्मद कैफ 2002 में इंग्लैंड के खिलाफ लॉर्ड्स में नैटवेस्ट सीरीज़ के फाइनल सुर्खियों में आये थे।

उन्होंने उस मैच में भारत को हार के मुँह से निकालकर जीत दिलाई थी। इसके बाद विश्व कप 2003 के एक मैच में उन्होंने श्रीलंका के खिलाफ चार कैच लपके थे और इस प्रक्रिया में किसी विश्व कप मैच में सर्वाधिक कैच लपकने वाले खिलाड़ी बन गए थे।

उन्होंने 2018 में क्रिकेट के सभी रूपों से संन्यास की घोषणा की। वह वर्तमान में वह क्रिकेट शोज़ में भाग ले रहे हैं और राजनीति में सक्रिय हैं।

#3. युवराज सिंह और दिनेश मोंगिया

Yuvraj Singh of India drives the ball past Collins Obuya of Kenya

युवराज सिंह ने 2000 में चैंपियंस ट्रॉफी से अपने अंतराष्ट्रीय क्रिकेट करियर का आगाज़ किया था। कैफ की तरह, उन्होंने भी नेटवेस्ट फाइनल में अपने शानदार प्रदर्शन से सबका ध्यान अपनी और खींचा था। उसके बाद, वह भारतीय टीम के के लिए सबसे बड़े मैच विजेता खिलाड़ी बन गए और टीम को अकेले दम पर कई मैच जिताए।

उन्होंने 2003 विश्व कप में भारत को फाइनल तक पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। वहीं युवराज 2007 के टी-20 विश्व कप और 2011 वनडे विश्व कप में जीत के हीरो रहे थे। वर्तमान में यह बाएं हाथ के बल्लेबाज घरेलू क्रिकेट खेल रहे हैं। उन्हें 2019 की आईपीएल नीलामी में मुंबई इंडियंस द्वारा खरीदा है।

दिनेश मोंगिया फिलहाल खबरों में नहीं हैं और चंडीगढ़ में एक स्कूल टीम के लिए कोच की भूमिका निभा रहे हैं। इसके अलावा, उन्होंने एक बॉलीवुड फिल्म में भी काम किया है।

#4. राहुल द्रविड़ और हरभजन सिंह

Rahul Dravid

राहुल द्रविड़ भारत के महानतम बल्लेबाजों में से एक हैं और उन्होंने 2003 विश्व कप में 63.60 के शानदार औसत से 318 रन बनाए थे। भारतीय बल्लेबाज़ी की रीढ़ की हड्डी माने जाने वाले द्रविड़ ने अनेकों बार विकट परिस्थितियों में टीम को हार के मुँह से निकालकर जीत दिलाई है, खासकर विदेशी परिस्थितियों में।

उन्होंने सभी प्रारूपों में भारत के लिए 25000 के करीब रन बनाए हैं और 2012 में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास की घोषणा की। फिलहाल, वह भारत U-19 और भारत 'ए' टीम के मुख्य कोच हैं।

उनके मार्गदर्शन की वजह से ही भारत को ऋषभ पंत और पृथ्वी शॉ जैसे कुछ बेहतरीन युवा बल्लेबाज़ मिले हैं जो भविष्य में भारतीय टीम को नई ऊँचाइयों तक ले जाएंगे।

वहीं हरभजन सिंह क्रिकेट इतिहास के सर्वश्रेष्ठ स्पिनरों में से एक हैं। उन्होंने 2003 विश्व कप के दौरान 11 विकेट लिए थे। अपने करियर में, पंजाब रणजी टीम के कप्तान ने सभी प्रारूपों में रिकॉर्ड 786 अंतर्राष्ट्रीय विकेट लिए हैं।

भज्जी आखिरी बार 2015 में भारत के लिए खेले थे। पूर्व भारतीय स्पिनर वर्तमान में आईपीएल में चेन्नई सुपर किंग्स के लिए खेल रहे हैं और क्रिकेट कमेंट्री भी कर रहे हैं।

#5. जहीर खान, जवागल श्रीनाथ और आशीष नेहरा

Zaheer Khan of India appeals successfully for the wicket of Nathan Astle of New Zealand

2003 वर्ल्ड कप में भारत के लिए सबसे ज्यादा विकेट जहीर खान ने लिए थे। वह आने वाले वर्षों के लिए भारत के फ्रंट लाइन तेज गेंदबाज बन गए। ज़हीर 2011 विश्व कप के दौरान भारत के लिए अग्रणी विकेट लेने वाले गेंदबाज़ थे।

उन्होंने अपने करियर में भारत के लिए 593 विकेट लिए। पूर्व भारतीय तेज गेंदबाज ने 2015 में अपनी सेवानिवृत्ति की घोषणा की। उनके पास मुंबई में एक फिटनेस स्टूडियो है और हाल ही में उन्हें मुंबई इंडियन के क्रिकेट संचालन के निदेशक के रूप में नियुक्त किया गया है।

वहीं जवागल श्रीनाथ इस विश्व कप में 16 विकेट के साथ भारत के दूसरे सबसे अधिक विकेट लेने वाले गेंदबाज़ थे। श्रीनाथ ने अपने अंतर्राष्ट्रीय करियर में 561 विकेट लिए हैं।

उन्होंने 2003 विश्व कप के तुरंत बाद अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास ले लिया। उस समय से, उन्होंने आईसीसी मैच रेफरी के रूप में अपना नाम बनाया है।

आशीष नेहरा टूर्नामेंट के लीग चरण के दौरान इंग्लैंड के खिलाफ छह विकेट लेने के बाद सुर्खियों में आए थे। वह एकदिवसीय क्रिकेट में दो बार छह विकेट लेने वाले एकमात्र भारतीय गेंदबाज हैं। नेहरा ने 2017 में क्रिकेट के सभी प्रारूपों से संन्यास की घोषणा की।

वर्तमान में, वह आईपीएल में रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर के गेंदबाजी कोच के रूप में काम कर रहे हैं।

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Edited by सावन गुप्ता
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