पिछले कुछ दिनों से भारतीय विकेटकीपर बल्लेबाज रिद्धिमान साहा (Wriddhiman Saha) का नाम मैदान के बाहर काफी सुर्ख़ियों में बना हुआ है। साहा ने हाल ही में अपने और बीसीसीआई के बीच हुई बातचीत को सार्वजानिक किया था और इसके बाद से इस मामले में अलग-अलग प्रतिक्रियाएं आ रही हैं। कुछ लोगों ने साहा का साथ दिया है लेकिन सौरव गांगुली (Sourav Ganguly) के बड़े भाई और बंगाल क्रिकेट एसोसिएशन के सचिव स्नेहाशीष गांगुली ने विकेटकीपर पर निशाना साधा है और कहा कि साहा को बोर्ड अध्यक्ष के साथ हुई बातचीत को सार्वजानिक नहीं करना चाहिए था। स्नेहाशीष का मानना है कि बंगाल के विकेटकीपर को बयानबाजी करने के बजाय अपने राज्य के लिए रणजी खेलना चाहिए था।
रविवार को रिपोर्टर्स से बात करते हुए गांगुली के बड़े भाई ने कहा,
यह मेरी निजी राय है, लेकिन मुख्य चयनकर्ता/बीसीसीआई ने उन्हें (साहा) जो बताया वह निजी था। उन्हें शायद इसे सार्वजानिक नहीं करना चाहिए था। साथ ही वो रणजी ट्रॉफी भी खेल सकते थे। उन्होंने अपना नाम वापस लेने के लिए व्यक्तिगत कारणों का हवाला दिया और हमें इसका सम्मान करना होगा। वह जब भी स्क्वॉड में शामिल होना चाहता, दरवाजे हमेशा उसके लिए खुले रहते हैं।
सौरव गांगुली के साथ बातचीत को लेकर क्या कहा था साहा ने
भारतीय टेस्ट टीम से ड्रॉप किये जाने के बाद साहा ने एक इंटरव्यू में बीसीसीआई अध्यक्ष सौरव गांगुली के साथ अपनी बातचीत का खुलासा किया था और कहा,
कानपुर टेस्ट मैच में न्यूजीलैंड के खिलाफ मैंने पेन किलर लेकर नाबाद 61 रन बनाए थे तो दादा (सौरव गांगुली) ने मेरी काफी तारीफ की थी। उन्होंने व्हाट्सएप्प पर मुझे मैसेज किया था और बधाई दी थी। उन्होंने यहां तक कहा कि जब तक मैं बीसीसीआई का प्रेसिडेंट हूं तुम्हे चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है। बोर्ड प्रेसिडेंट की तरफ से ये बातें सुनकर मेरा कॉन्फिडेंस काफी बढ़ गया था। हालांकि अब मैं समझ नहीं पा रहा हूं कि सबकुछ इतना जल्दी कैसे बदल गया।
आपको बता दें कि हाल ही में श्रीलंका के खिलाफ चुनी गयी 18 सदस्यीय टीम में रिद्धिमान साहा को नहीं चुना गया है। इसके अलावा अनुभवी चेतेश्वर पुजारा, अजिंक्य रहाणे और इशांत शर्मा को भी टीम से बाहर किया गया है। इन सभी को रणजी ट्रॉफी खेलने के लिए कहा गया था।