भारतीय टीम के पूर्व कप्तान और बीसीसीआई प्रेसिडेंट सौरव गांगुली ने एम एस धोनी को पाकिस्तान के खिलाफ विशाखापट्टनम वनडे में नंबर 3 पर प्रमोट करने को लेकर बड़ी प्रतिक्रिया दी है। सौरव गांगुली ने कहा कि अगर किसी खिलाड़ी को ज्यादा गेंद खेलने का मौका ही नहीं मिलेगा तो वो बड़ा प्लेयर कैसे बनेगा।
सौरव गांगुली ने स्पोर्ट्स तक से खास बातचीत में कहा कि एम एस धोनी को विशाखापट्टनम में नंबर 3 पर बैटिंग करने का मौका मिला था। उन्होंने उस मौके का पूरा फायदा उठाया और शानदार शतक जड़ा। जब भी धोनी को ज्यादा ओवर्स खेलने का मौका मिला उन्होंने लंबे-लंबे स्कोर बनाए। गांगुली ने कहा कि सचिन तेंदुलकर अपने करियर में सचिन तेंदुलकर नहीं बनते अगर वो नंबर 6 पर बैटिंग करते। अगर आप टॉप ऑर्डर में खेलते हैं तो फिर आपको ज्यादा गेंदें खेलने का मौका मिलता है।
सौरव गांगुली ने आगे कहा कि चैलेंजर ट्रॉफी के एक मैच के दौरान एम एस धोनी ने मेरी टीम के लिए ओपनिंग करते हुए शतक लगाया था। इसलिए मुझे पता था कि वो टॉप ऑर्डर में भी अच्छी बल्लेबाजी कर सकते हैं।
गांगुली ने कहा कि एक खिलाड़ी तभी बनता है जब आप उसे ऊपर भेजते हैं। निचले क्रम में खिलाकर किसी को प्लेयर नहीं बनाया जा सकता है। मेरा हमेशा से मानना रहा है कि ड्रेसिंग रूम में बैठकर आप बड़े खिलाड़ी नहीं बन सकते हैं। एम एस धोनी के पास जिस तरह से छक्के लगाने की क्षमता थी और जो पॉवर और फ्लेक्सिबिलिटी उनके पास था वो वाकई शानदार था। गांगुली के मुताबिक जब मैंने संन्यास लिया तो कई बार कहा कि धोनी को टॉप ऑर्डर में बैटिंग करनी चाहिए।
सौरव गांगुली ने एम एस धोनी को पाकिस्तान के खिलाफ नंबर 3 पर बैटिंग के लिए भेजा था
आपको बता दें कि जब एम एस धोनी ने अपना डेब्यू किया था तो उसके कुछ ही मैचों के बाद सौरव गांगुली ने उन्हें बैटिंग ऑर्डर में प्रमोट किया था। 2005 में विशाखापट्टनम में पाकिस्तान के खिलाफ वनडे मैच में गांगुली ने धोनी को नंबर 3 पर भेजा था और धोनी ने 148 रनों की पारी खेलकर अपने कप्तान के फैसले को सही साबित किया था।
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