क्रिकेट न्यूज़: घरेलू क्रिकेट में नियमों में बदलाव पर सौरव गांगुली ने जताई नाराजगी

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भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान सौरव गांगुली घरेलू क्रिकेट में नियमों में बदलाव से खुश नहीं हैं। कुछ दिन पहले ही सरकारी कर्मचारियों को बीच सत्र में स्थानीय खिलाड़ी के रूप में खेलने और उनके लिए एक साल के राहत वाला नियम लागू किया गया था। इस फैसले के लिए बीसीसीआई के कार्यकारी सचिव अमिताभ चौधरी ने क्रिकेट ऑपरेशन्स के महाप्रबंधक सबा करीम और सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित प्रशासकों की समिति की आलोचना की थी और अब गांगुली ने भी इस पर नाराजगी व्यक्त की है।

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सौरव गांगुली इस वक्त बंगाल क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष हैं और बीसीसीआई की तकनीकी समिति के अध्यक्ष भी हैं। एक मेल में उन्होंने इस मसले पर अपनी नाराजगी व्यक्त की। उन्होंने अपने मेल में लिखा ' अमिताभ चौधरी जी इस मसले पर मैं पूरी तरह से आपसे सहमत हूं। मैं हैरान हूं कि ये फैसला बिना-किसी सलाह-मशविरा के ले लिया गया। मैं इससे इत्तेफाक नहीं रखता हूं और इस बारे में जिम्मेदार लोगों को अवगत कराना चाहता हूं। यहां तक कि तकनीकी समिति की बैठक में जो फैसला लिया गया था उसे भी नजरंदाज कर दिया गया और नए नियम लागू कर दिए गए। ये ठीक नहीं है और बीसीसीआई के संविधान के खिलाफ है। उम्मीद है कि प्रशासकों की समिति इस मामले को गंभीरता से लेगी और इस पर विचार करेगी।'

गौरतलब है प्रशासकों की समिति इस सीजन पहले ही 3 बार नियमों में बदलाव कर चुकी है। विजय हजारे ट्रॉफी से पहले पुद्दुचेरी को लेकर भी नियमों में ढील दी गई थी, जिसके मुताबिक राज्य के लिए खेलने को लेकर एक साल का पढ़ने या नौकरी देने का प्रमाण पत्र जारी करने की बात हुई थी लेकिन बाद में इस फैसले को वापस लेना पड़ा था क्योंकि अन्य सभी टीमों की तरफ से विरोध जाहिर किया गया। अब देखना है कि गांगुली के लिखे पत्र पर सीओए क्या प्रतिक्रिया देती है।

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Edited by सावन गुप्ता
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