भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान सौरव गांगुली ने के एल राहुल और उमेश यादव को इंग्लैंड के खिलाफ तीसरे वनडे मैच से बाहर करने को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि ये फैसला सही नहीं था और समझ में नहीं आ रहा है कि भारतीय टीम मैनेजमेंट ने ऐसा क्यों किया। टॉइम्स ऑफ इंडिया में लिखे अपने कॉलम में सौरव गांगुली ने कहा कि भुवनेश्वर कुमार चोट के बाद टीम में वापसी कर रहे थे और पूरी तरह से फिट नहीं दिख रहे थे, जबकि दूसरी तरफ उमेश यादव बेहतरीन लय में दिख रहे थे। लॉर्ड्स में हुए मैच को छोड़ दें तो सिद्धार्थ कौल भी अच्छी गेंदबाजी कर रहे थे। वहीं दूसरी तरफ आखिरी मैच से के एल राहुल को भी बाहर कर दिया गया। गांगुली ने कहा कि मध्यक्रम में के एल राहुल टीम की जरूरत हैं। टीम मैनेजमेंट को नंबर 4 पर के एल राहुल को ज्यादा से ज्यादा मौके देने चाहिएं, ताकि वो खुलकर अपना स्वभाविक गेम खेल सकें। इससे उन्हें टीम में अपनी जगह खोने का डर नहीं रहेगा। सौरव गांगुली ने भारतीय तेज गेंदबाजों को लेकर भी चिंता जताई और कहा कि स्पिनरों के साथ-साथ तेज गेंदबाजों को भी विकेट निकालने होंगें। गांगुली ने कहा कि स्पिनरों ने इंग्लैंड के खेमे में डर का माहौल पैदा कर दिया लेकिन तेज गेंदबाजों को भी विदेशों पिचों पर विकेट निकालने होंगें। हर बार सिर्फ स्पिनर ही विकेट नहीं लेगें। हालांकि बुमराह के चोटिल होने से टीम को काफी बड़ा झटका लगा लेकिन अन्य तेज गेंदबाजों को विकेट निकालना चाहिए था। गांगुली ने कहा कि भारतीय टीम का असली इम्तिहान अब शुरु होगा, जब 1 अगस्त से टेस्ट सीरीज खेली जाएगी। इसलिए सभी का योगदान जरूरी है। गौरतलब है तीसरे वनडे मैच में के एल राहुल की जगह दिनेश कार्तिक को मौका दिया गया था और वो 21 रन बना पाए थे। वहीं उमेश यादव की जगह भुवनेश्वर कुमार और सिद्धार्थ कौल की जगह शार्दुल ठाकुर को टीम में शामिल किया गया था। ठाकुर ने तो अच्छी गेंदबाजी की थी लेकिन भुवनेश्वर कुमार बिल्कुल भी लय में नहीं दिख रहे थे और काफी महंगे साबित हुए थे।