पूर्व भारतीय कप्तान और बंगाल क्रिकेट संघ के अध्यक्ष सौरव गांगुली ने टीम इंडिया के पूर्व निदेशक रवि शास्त्री के बयान पर कुछ भी बोलने से मना कर दिया हैं। हाल ही में बीसीसीआई ने अनिल कुंबले को भारतीय टीम का कोच नियुक्त किया था और रवि शास्त्री भी इस पद के लिए बड़े दावेदार थे। शास्त्री का कहना था कि उनके इंटरव्यू के समय क्रिकेट सलाहकार कमेटी में से सौरव गांगुली नदारद थे। टाइम्स ऑफ इंडिया ने शुक्रवार को यह रिपोर्ट किया था कि अनिल कुंबले को कोच बनाने में सबसे अहम भूमिका सौरव गांगुली ने ही निभाई, क्योंकि एक समय रवि शास्त्री के रहते टीम के प्रदर्शन को देखते हुए, उनका कोच बनना तय था। रवि शास्त्री ने संजय बांगर, बी अरुण और आर श्रीधर के साथ टीम को तब संभाला, जब टीम की इंग्लैंड के हाथों उसी के घर में टेस्ट सीरीज़ में शर्मनाक हार मिली थी। रवि शास्त्री ने टीम को 2016 टी-20 विश्व कप के सेमी फ़ाइनल तक पहुंचाया था। हालांकि टीम यह टूर्नामेंट जीतने में नाकाम रही, लेकिन टीम ने डंकन फ्लेचर के जाने के बाद से काफी अच्छा प्रदर्शन किया था। इसी कारण रवि शास्त्री ने टीम इंडिया का कोच बनने के लिए अपना नामांकन भरा, लेकिन उनकी इच्छा पूरी न हो सकी और बीसीसीआई ने अनिल कुंबले को अगले एक साल के लिए टीम का कोच बना दिया। कुंबले के कोच बनने के बाद रवि शास्त्री ने अपनी निराशा जाहिर की। उन्होने कहा, "मुझे काफी निराशा हुई हैं। टीम ने पिछले 18 महीनों में काफी अच्छा किया, खासकर यह बात ध्यान में रखते हुए कि जब हम टीम के साथ जुड़े थे, तो टीम किस जगह थी। मुझे टीम का प्रदर्शन देखकर गर्व महसूस होता हैं। हमने अच्छा किया, अच्छी फाइट दिखाई और उसके बाद हम बीच बीच में टेस्ट में नंबर 1, टी-20 में नंबर 1 और वनडे में नंबर 2। मैं किसी भी युवा टीम की 18 महीनों के अंदर इतनी तरक्की नहीं देखी।" उनके इंटरव्यू के बारे में पूछे जाने पर, शास्त्री ने कहा कि गांगुली मेरी प्रेज़ेंटेशन के समय मौजूद भी नहीं थे। बंगाल क्रिकेट संघ ने इस बारे में कहा कि सौरव गांगुली ईडन गार्डेन्स में कैब की मीटिंग के लिए आए हुए थे और वो वहाँ से ताज बंगाल में 6:30 तक पहुंचे थे। हालांकि शास्त्री का इंटरव्यू 5 से 6 के बीच में लिया गया था। शास्त्री के बयान के बाद सौरव गांगुली ने इस बारे में ज्यादा बोलने से मना कर दिया। गांगुली ने कहा, "कोच का इंटरव्यू एक कॉन्फ़ीडेंशल मैटर हैं। मैं शास्त्री के बयान के बारे में कुछ नहीं बोल सकता। आप क्रिकेट सलाहकर कमेटी के बाकी सदस्यों से पूछ सकते हैं।" लेखक- प्रांजल मैक, अनुवादक- मयंक महता