बल्लेबाजों पर हमेशा तिरछी नजर रखने वाले एलन डोनाल्ड 90 के दशक के बेहतरीन तेज गेंदबाज थे । 70 और 80 के खतरनाक तेज गेंदबाजों का दौर गुजरने के बाद एक बार फिर से तेज गेंदबाजी में " दूधिया रोशनी' को खतरनाक माना जाने लगा । डोनाल्ड गेंद को अंदर और बाहर दोनों तरफ निकाल सकते थे वो भी पेस के साथ । साउथ अफ्रीका की क्रिकेट में वापसी के बाद डोनाल्ड उनके सबसे बड़े हथियार थे । डोनाल्ड ने कई बार जरुरत से ज्यादा गेंदबाजी को और चोटिल भी काफी हुआ । यही वजह है कि उनका करियर ज्यादा नहीं चला और मात्र 72 टेस्ट मैच खेलने के बाद उन्होंने संन्यास ले लिया । हालांकि इस छोटे से करियर में भी डोनाल्ड ने क्रिकेट जगत को कई यादें दीं । 1998 में माइकल एथेर्टन के साथ उनकी लड़ाई को कौन भूल सकता है ।
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