एक साल 500 रन बनाना ठीकठाक प्रदर्शन मान लिया जाता है। इस साल अभी तक 26 बल्लेबाज़ ऐसा कर चुके हैं। जिनमे सिर्फ 3 आलराउंडर शामिल हैं। इसी तरह एक कैलेंडर इयर में 50 विकेट लेना भी बड़ी उपलब्धि मानी जाती है। इस साल सिर्फ दो गेंदबाज़ रंगना हेराथ और आर अश्विन ही ऐसा कारनामा कर पाए हैं। पिछले 10 सालों में एक कैलेंडर वर्ष में 50 से अधिक विकेट लेने का कारनामा कर पाए हैं। ऐसे में जब किसी खिलाड़ी के नाम 500 रन और 50 विकेट एक कैलेंडर वर्ष में दर्ज हो जाता है। तो ये बड़ी उपलब्धि मानी जाती है। भारत के आर अश्विन ने मोहाली टेस्ट में ये उपलब्धि अपने नाम दर्ज करवा ली है। इसके साथ ही उनका नाम इतिहास के बेहतरीन आलराउंडर क्लब में भी शामिल हो गया है। अश्विन कपिल देव के बाद दूसरे भारतीय आलराउंडर हैं, जिनका नाम इस विशेष क्लब में शामिल हुआ है। आइये एक नजर डालते हैं 7 ऐसे ही विशेष ऑलराउंडरों पर: इयान बॉथम (इंग्लैंड) इयान बॉथम महान आलराउंडर में से एक हैं। जिनके नाम 500-50 दो बार दर्ज है। ऐसा कपिल देव भी कर चुके हैं। बॉथम ने ये कारनामा सन 1978 में पहली बार किया था। 12 टेस्ट मैचों में उन्होंने 597 रन और 66 विकेट लिए थे। जिसमें 3 शतक 6 बार 5 विकेट शामिल थे। 12 टेस्ट में ये उपलब्धि हासिल करने के लिए ऐसा प्रदर्शन करना पड़ता है। इन 12 टेस्ट मैचों में से 9 टेस्ट मैच इंग्लैंड और न्यूज़ीलैंड में खेले गये थे। जिसकी वजह से बॉथम को आसानी भी हुई। बाकी तीन मैच ऑस्ट्रेलिया में खेले गये थे। जहां की विकेट भी सीम गेंदबाजों के मुफीद रही है। सन 1981 में बॉथम दूसरी बार ये उपलब्धि हासिल की। 13 टेस्ट मैचों में बाथम ने 629 रन और 62 विकेट लिए थे। कपिल देव (भारत) सन 1983 कपिल देव के लिए उपलब्धियों से भरा रहा। कपिल देव की कप्तानी में टीम इंडिया ने पहली बार वर्ल्डकप का ख़िताब अपने नाम किया। इसी साल उन्होंने 500-50 के विशेष क्लब में भी जगह बनाई। कपिल देव ने दूसरी बार 1983 में 579 रन और 75 विकेट अपने नाम किये थे। जिसमें एक शतक भी शामिल था। इससे पहले 1979 में कपिल देव ने 619 रन और 74 विकेट अपने नाम किये थे। इसमें सबसे ज्यादा अहम बात ये थी कि कपिल देव ने 17 टेस्ट मैचों में से 13 मैच भारत में खेले थे। 1983 में भी उन्होंने 18 में से 13 टेस्ट भारत और उपमहाद्वीप में ही खेले थे। इसमें 4 टेस्ट पाकिस्तान में हुए थे। शॉन पोलक (दक्षिण अफ्रीका) शॉन पोलक ने हमेशा अपनी टीम की मदद गेंद और बल्ले से की थी। टेस्ट क्रिकेट में उनके नाम 3781 रन और 421 रन दर्ज हैं। वह एक बेहतरीन आलराउंडर थे। साल 1998 और 2001 में शॉन पोलक ने 500-50 के क्लब में जगह बनाई थी। पहली बार उन्होंने 593 रन 69 विकेट और दूसरी बार 573 और 55 विकेट लिए थे। पोलक ने साल 2001 में शतक भी बनाया था। एंड्रू फ़्लिंटॉफ़ (इंग्लैंड) इंग्लैंड के बेहतरीन आलराउंडरों में से एक एंड्रू फ़्लिंटॉफ़ थे। जो 500-50 के विशेष क्लब में शामिल हो चुके हैं। साल 2005 में फ़्लिंटॉफ़ ने 709 रन और 68 विकेट लेकर इस क्लब में जगह बनाई थी। 14 टेस्ट मैचों में से 3 टेस्ट मैच फ़्लिंटॉफ़ ने पाकिस्तान में खेले थे। उनका सबसे बेहतरीन प्रदर्शन चिर-प्रतिद्वंदी ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ देखने को मिला था। एशेज सीरिज में फ़्लिंटॉफ़ ने 3 अर्धशतक और एक शतक बनाया था। डेनियल वेटोरी (न्यूज़ीलैंड) वेटोरी एक समय कपिल देव जैसे दिग्गज आलराउंडर के क्लब में शामिल होने के कगार पर थे। लेकिन चोट ने उन्हें काफी परेशान कर दिया। साल 2008 में वेटोरी ने 54 विकेट और 672 रन बनाये थे। न्यूज़ीलैंड के इस पूर्व कप्तान ने 14 मैचों में 2 मैच सिर्फ उपमहाद्वीप में खेले थे। बाकी सारे मैच उन्होंने इंग्लैंड, ऑस्ट्रेलिया और अपने घर में खेले थे। जिससे इस दिग्गज बाएं हाथ के स्पिन गेंदबाज़ के क्लास का अंदाजा लगाया जा सकता है। मिचेल जॉनसन (ऑस्ट्रेलिया) जॉनसन दुनिया के डरावने तेज गेंदबाजों में से एक थे। साल 2009 में जॉनसन ने 13 टेस्ट मैचों में 500 रन और 63 विकेट लिए थे। जॉनसन ने इस साल एक 123 और 96 रन की पारी भी खेली थी। ये पारियां उन्होंने दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ खेली थीं। जॉनसन अपने पूरे करियर में 2065 रन और 313 विकेट लिए थे। जबकि उन्होंने मात्र 73 टेस्ट मैच में ही उपलब्धि हासिल की थी। आर अश्विन (भारत)* अश्विन के लिए ये साल काफी शानदार है जो अभी जारी है। 10 टेस्ट मैचों में अश्विन ने 545 रन और 59 विकेट अपने नाम किये हैं। जिसमें 6 बार उन्होंने 5 विकेट लिए हैं। जबकि 6 टेस्ट मैच उन्होंने बाहर खेले हैं। हालांकि वह वेस्टइंडीज में भी जबर्दस्त प्रदर्शन कर चुके हैं। 4 टेस्ट मैचों में 17 विकेट लिए थे। अश्विन जारी इंग्लैंड के साथ टेस्ट सीरिज में बेहतरीन फॉर्म में हैं। ऐसे में वह फ़्लिंटॉफ़ के 709 रन और कपिल देव के 75 विकेट के रिकॉर्ड को भी तोड़ सकते हैं।