स्पिनर्स जो प्रतिबंधित गेंदबाज़ी एक्शन की वजह से मुश्किल में आ गए थे

क्रिकेट की दुनिया से ऑफ़ स्पिन गेंदबाज़ धीरे-धीरे ग़ायब होते जा रहे हैं और लेग स्पिनर्स का दबदबा बढ़ता जा रहा है। आईसीसी के नियमों के मुताबिक कोई भी गेंदबाज़ 15 डिग्री से ज़्यादा बांह नहीं घुमा सकते। इस डिग्री के कोण से ज़्यादा बांह घुमाने पर ‘दूसरा’ गेंद फेंकी जा सकती थी। आईसीसी के इस नियम के बाद ‘दूसरा’ गेंद क्रिकेट से क़रीब क़रीब बाहर हो गई है। विश्व के कामयाब गेंदबाज़ मुथैया मुरलीधरन अपने संदिग्ध बॉलिंग एक्शन की वजह से मुश्किलों में आ गए थे। उनको बॉलिंग टेस्ट से गुज़रने के बाद ही उन्हें दोबारा गेंदबाज़ी करने की इजाज़त दी गई थी। दरअसल 15 डिग्री का नियम मुरलीधरन के करियर को बचाने के लिए किया गया था, वर्ना हम उन्हें दोबारा अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट गेंदबाज़ी करते हुए नहीं देख पाते। पिछले कुछ सालों में कई ऑफ़ स्पिन गेंदबाज़ों ने संधिग्ध बॉलिंग एक्शन की वजह से अपनी लय खो दी है। कुछ गेंदबाज़ों का करियर तो इसी की वजह से ख़त्म हो गया था। बॉलिंग एक्शन को लेकर काफ़ी विवाद भी हुआ है, कई स्पिन गेंदबाज़ बड़े टूर्नामेंट के बीच में ही अपने बॉलिंग के तरीकों की वजह सस्पेंड हो चुके हैं। जांच के बाद ये बात भी सामने आई कि कई नामी खिलाड़ी कई साल तक संदिग्ध बॉलिंग कर रहे थे। हम यहां उन खिलाड़ियों के बार में चर्चा कर रहे हैं जिनके संदिग्ध बॉलिंग एक्शन के कारण उनका करियर मुश्किल में आ गया था।

#7 सोहब गाज़ी

बांग्लादेश के ऑफ़ स्पिनर सोहब गाज़ी का शुरुआती टेस्ट करियर शानदार रहा था। पहले 10 टेस्ट मैच में उन्होंने 38 विकेट हासिल किए थे। जिसमें 2 बार एक पारी में 5 विकेट और एक हैट्रिक शामिल है जो उन्होंने कीवी टीम के खिलाफ़ हासिल किया था। वो एक ही मैच में हैट्रिक और शतक लगाने वाले पहले क्रिकेटर बन गए थे। उनके बॉलिंग एक्शन को लेकर शिकायत की गई। वो बाद में कभी भी अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में वापसी नहीं कर पाए।

#6 प्रोस्पर उत्सेया

ज़िम्बाब्वे के ऑफ़ स्पिन गेंदबाज़ सीमित ओवर के खेल के लिए शानदार गेंदबाज़ साबित हुए। उन्होंने अपनी टीम के लिए के लिए कप्तानी भी की थी और कई नाज़ुक मौक़े पर जीत भी दिलाई थी। उन्होंने 164 मैच 4.37 की इकॉनमी रेट से 133 विकेट ले थे। वो काफ़ी लंबे वक़्त तक संदिग्ध बॉलिंग एक्शन के साथ गेंदबाज़ी कर रहे थे। वो 2015 के वर्ल्ड कप के लिए भी ज़िम्बाब्वे टीम में चुने गए थे। उन्होंने बदले हुए एक्शन के साथ गेंदबाज़ी की लेकिन कामयाब नहीं हो पाए थे।

#5 शेन शिलिंगफ़ोर्ड

वेस्टइंडीज़ के ऑफ़ स्पिन गेंदबाज़ का शुरुआती करियर ज़रबदस्त रहा था। महज़ 16 टेस्ट मैच में उन्होंने 70 विकेट हासिल किए थे जिसमें 6 बार 5 विकेट और 2 बार 10 विकेट लेने का कारनामा शामिल है। उन्हें साल 2013 में भारत के ख़िलाफ़ सीरीज़ के लिए जाना जाता है, ये सीरीज़ मास्टर ब्लास्टर सचिन की बी आख़िरी सीरीज़ थी। इस दौरे पर उन्होंने कई भारतीय बल्लेबाज़ों को पवेलियन वापस भेज दिया था। वो अपने संदिग्ध बॉलिंग एक्शन की वजह से टीम में आते जाते रहे थे। उनके ‘दूसरा’ गेंद पर भी पाबंदी लगा दी गई थी, वो दोबारा टीम में वापसी करने में नाकाम रहे।

#4 थारिंडु कौशल

श्रीलंका के ऑफ़ स्पिन गेंदबाज़ थिरांडु कौशल ने साल 2015 के वर्ल्ड कप में दक्षिण अफ़्रीका के खिलाफ़ अपने वनडे करियर का आग़ाज़ किया था। उन्होंने श्रीलंकाई टीम के तरफ़ से 7 टेस्ट मैच खेले हैं जिनमें उन्होंने 25 विकेट हासिल किए हैं। उन्होंने 2 बार एक पारी में 5 विकेट लेने का कारनामा किया है। साल 2014 में टीम इंडिया श्रीलंका के दौरे पर गई थी। उस वक़्त टेस्ट सीरीज़ कौशल का प्रदर्शन शानदार रहा था। गॉल में हुए सीरीज़ के पहले टेस्ट मैच में उन्होंने 8 विकेट चटकाए थे। उनकी इसी प्रदर्शन की बदौलत मेज़बान श्रीलंका ने भारत पर जीत दर्ज की थी। उनका एक्शन संदेह के घेरे में आ गया था। उन्होंने गेंदबाज़ी में बदलाव किया लेकिन वो इतने प्रभावशाली साबित नहीं हो पाए और टीम से बाहर हो गए।

#3 प्रज्ञान ओझा

बाएं हाथ के पारंपरिक स्पिन गेंदबाज़ प्रज्ञान ओझा भारत के अहम खिलाड़ी थे। टीम इंडिया के कप्तान महेंद्र सिंह धोनी उनपर ख़ूब भरोसा करते थे, ख़ासकर तब जब टीम इंडिया अपने ही देश में खेल रही होती है। उन्होंने अपने करियर में मार् 24 टेस्ट मैच खेले हैं जिनमें 113 विकेट हासिल किए हैं। उन्होंने 7 बार 5 विकेट और 1 बार 10 विकेट लेने का कारनामा किया है। एक वक़्त वो टीम इंडिया के सबसे बेहतरीन बाएं हाथ के स्पिन गेंदबाज़ थे, लेकिन प्रतिबंधित बॉलिंग एक्शन की वजह से बीसीसीआई ने उन्हें दोबारा मौक़ा नहीं दिया। वो टीम इंडिया के लिए फिर कभी नहीं खेल पाए।

#2 सुनील नारेन

त्रिनिदाद के स्पिन गेंदबाज़ सुनील नरेन ने आईपीएल टीम कोलकाता नाइटराइडर्स की किस्मत बदल दी थी। उनकी शानदार गेंदबाज़ी की बदौलत केकेआर टीम ने 2 बार आईपीएल ख़िताब पर कब्ज़ा जमाया था। उन्होंने कई मौक़ों पर कोलकाता को अकेले ख़ुद के दम पर जीत दिलाई है। उनकी गेंदबाज़ी का ख़ौफ़ हर विपक्षी बल्लेबाज़ के दिलों में होता है। 82 आईपीएल मैच में उन्होंने 6.33 की औसत से 95 विकेट हासिल किया है। उन्होंने किंग्स इलेवन पंजाब के ख़िलाफ़ हैट्रिक भी ली थी। साल 2014 की चैंपियंस लीग टी-20 में वो संदिग्ध बॉलिंग एक्शन की वजह से मुश्किल में आ गए थे। वो आज भी केकेआर टीम के अहम खिलाड़ी हैं जो मध्य ओवर में शानदार गेंदबाज़ी करते हैं।

#1 सईद अजमल

पाकिस्तान के चैंपियन ऑफ़ स्पिन सईद अजमल ने विश्व क्रिकेट में अपना दबदबा कायम किया था, लेकिन उनका करियर संदिग्ध बॉलिंग एक्शन की वजह से आगे बढ़ नहीं पाया। उन पर आरोप था कि वो ‘दूसरा’ गेंद फेंकते हुए पाए गए हैं। दूसरा पर प्रतिबंध लगने के बाद अजमल वैसे गेंदबाज़ नहीं रहे जैसा कि पहले हुआ करते थे। हांलाकि उनका एक्शन इतना ख़तरनाक था कि वो बड़ी आसानी से बल्लेबाज़ों को पवेलियन की राह दिखा देते थे। उन्होंने अपने अंतरराष्ट्रीय करियर में 178 टेस्ट विकेट और 184 वनडे विकेट हासिल किए हैं। वो आईसीसी रैंकिंग में टॉप बल्लेबाज़ भी रहे हैं। अगर वो अपने एक्शन की वजह से मुश्किल में आते तो वो आज कहीं ज़्यादा कामयाब गेंदबाज़ होते। लेखक - प्रत्ते ख़ान अनुवादक – शारिक़ुल होदा