स्पोर्ट्सकीड़ा क्रिकेट अवॉर्ड्स 2017 : साल के टॉप 5 वनडे कप्तान

KANE WILLIAMSON

जिस साल टेस्ट क्रिकेट अपने वजूद को लेकर जद्दोजहद कर रहा था, और उसी साल टी-10 फ़ॉर्मेट की शुरुआत हो चुकी थी, ऐसे वक़्त में 50 ओवर के क्रिकेट ने अपनी पहचान बरक़रार रखी। साल 2017 में आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी का भी जलवा रहा था। साल 2019 का वर्ल्ड कप शुरु होने में डेढ़ साल से भी कम वक़्त बचा है, यही वजह है कि सभी देशों ने अपनी संभावित टीम के सदस्यों का चुनाव कर लिया है और अपने-अपने कप्तान भी तय कर लिए हैं। हम यहां साल 2017 के टॉप 5 वनडे कप्तानों के बारे में बता रहे हैं।

#5 केन विलियमसन

ब्रेंडन मैकुलम ने अपनी आत्मकथा में लिखा है कि केन विलियमसन के पास कप्तानी करने का लाजवाब हुनर मौजूद है। वो कीवी टीम के फ़ायरब्रांड कैप्टन है, केन बढियां फ़ील्ड प्लेसमेंट और बॉलिंग में बदलाव करने में माहिर हैं। उनकी रणनीति शानदार है जो टीम के लिए काफ़ी फ़ायदेमंद साबित होती है। प्रतिशत के हिसाब से अगर बात करें तो साल 2017 में न्यूज़ीलैंड टीम के जीत का प्रतिशत तीसरा सबसे अच्छा था। टीम ने साल 2017 की सही शुरुआत की थी, ब्लैककैप्स ने जनवरी 2017 में ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ वनडे सीरीज़ जीती थी। हांलाकि दक्षिण अफ़्रीका के ख़िलाफ़ वो अगली सीरीज़ 2-3 से हार गए थे। चैंपियंस ट्रॉफ़ी 2017 से ठीके पहले कीवी टीम ने बांग्लादेश और आयरलैंड के ख़िलाफ़ त्रिकोणीय सीरीज़ जीती थी, लेकिन आईसीसी के टूर्नामेंट में न्यूज़ीलैड ग्रुप स्टेज में ही बाहर हो गया था। जब ये टीम भारत दौरे पर गई थी तो उसने वनडे में जीत के साथ शुरुआत की थी, लेकिन सीरीज़ जीतने का उनका सपना तब चूर-चूर हो गया जब कीवी टीम ने एक के बाद एक हार का स्वाद चखा। हांलाकि साल 2017 के आख़िर में केन विलयमसन की टीम ने वेस्टइंडीज़ के ख़िलाफ़ 3-0 से सीरीज़ पर कब्ज़ा जमाया और साल का अंत ख़ुशी ख़ुशी किया।

#4 एबी डीविलियर्स/फ़ैफ़ डू प्लेसी

AB_FAF

जब एबी डीविलियर्स चोट का शिकार हुए थे तो प्रोटियाज़ टीम की कप्तानी फ़ैफ़ डू प्लेसी के हाथों में आई। डू प्लेसी ने जितने ज़्यादा मैच में कप्तानी की उससे ये साबित हो गया कि सेलेक्टर्स ने सही कप्तान का चुनाव किया है, डू प्लेसी क्रिकेट के तीनों फ़ॉर्मेट के लिए सबसे फ़िट कप्तान हैं। डीविलियर्स धीरे धीरे कप्तानी से ख़ुद को दूर कर रहे हैं, ऐसे में डू प्लेसी कप्तान के तौर पर टीम मैनेजमेंट की पहली पसंद बनते जा रहे हैं। हांलाकि साल 2017 के पहले हाफ़ में डीविलियर्स प्रोटियाज़ टीम के कप्तान थे, उस वक़्त फ़ैफ़ डू प्लेसी अपने पूरे फ़ॉर्म में थे, साल की शुरुआत में उन्होंने श्रीलंका के ख़िलाफ़ वनडे सीरीज़ में शानदार 185 रन की पारी खेली थी। इस सीरीज़ में मेज़बान दक्षिण अफ़्रीका ने मेहमान श्रीलंका का पूरा सफ़ाया कर दिया था। साल 2017 की आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफ़ी की शुरुआत प्रोटियाज़ टीम ने अच्छी की थी, उन्होंने श्रीलंका के ख़िलाफ़ एक बड़ी जीत दर्ज की थी। लेकिन पाकिस्तान और भारत के ख़िलाफ़ एक के बाद एक हार की वजह से उनका अभियान ठीक से शुरू होने से पहले ख़त्म हो गया। अब डू प्लेसी प्रोटियाज़ टीम के फ़ुल टाइम कप्तान बन गए हैं। उन्होंने अक्टूबर 2018 में बांग्लादेश को वनडे सीरीज़ में 3-0 से क्लीन स्वीप किया था।

#3 इयोन मोर्गन

EOIN MORGAN

टेस्ट क्रिकेट में भले ही इयोन मोर्गन कुछ ख़ास कमाल न कर पाए हों लेकिन जब सीमित ओवर के मैच की बात आती है तो वो किसी ब्रांड से कम नहीं हैं। मोर्गन की कप्तानी में इंग्लैंड टीम ने नई ऊंचाइयों को छुआ है। इंग्लिश टीम 2 साल पहले वैसी नहीं थी जैसी अब है, अगर इस टीम में ज़रूरी बदलाव आए हैं तो इसके लिए इयोन मोर्गन की तारीफ़ करनी होगी। इंग्लैंड के टॉप ऑर्डर बल्लेबाज़ विपक्षी टीम के छक्के छुड़ाने में माहिर हैं, वहीं मध्य क्रम के बल्लेबाज़ भी ख़तरनाक बल्लेबाज़ी करते हैं। जेसन रॉय, जोस बटलर और बेन स्टोक्स जैसे बल्लेबाज़ इंग्लैंड टीम की जान हैं। भले ही इस टीम ने साल 2017 की आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफ़ी से पहले और बाद में सीरीज़ जीती है लेकिन अभी भी कप्तान मोर्गन को और बेहतर प्रदर्शन करने की उम्मीद है। चैंपियंस ट्रॉफ़ी में इंग्लैंड ने बांग्लादेश, न्यूज़ीलैंड और ऑस्ट्रेलिया को हराया था लेकिन सेमीफ़ाइनल में उसे पाकिस्तान टीम से हार का सामना करना पड़ा था और ट्रॉफ़ी जीतने का ख़्वाब अधूरा रह गया था। अगर भारत के ख़िलाफ़ 1-2 की सीरीज़ हार और दक्षिण अफ़्रीका के ख़िलाफ़ शिक़स्त को दरकिनार कर दें तो साल 2017 में इंग्लैंड टीम का प्रदर्शन शानदार रहा है।

#2 विराट कोहली

VK

टीम इंडिया के लिए साल 2017 की शुरुआत एक झटके से हुई थी जब महेंद्र सिंह धोनी ने सीमित ओवरों के खेल अपनी कप्तानी छोड़ दी थी। उनके फ़ैंस को इस फ़ैसले से काफ़ी निराशा हुई, हांलाकि 2019 के वर्ल्ड कप को देखते ये फ़ैसला लिया गया था। हांलाकि इसका सीधा फ़ायदा टीम इंडिया को हुआ, कोहली टीम के कप्तान बनाए गए और अगले वर्ल्ड कप की तैयारी का पूरा मौक़ा मिल गया। आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफ़ी में कोहली की कप्तानी में टीम इंडिया फ़ाइनल में पहुंची, भले ही भारत टूर्नामेंट न जीत पाया हो, लेकिन टीम इंडिया की मज़बूती पूरी दुनिया के सामने आ गई। कोहली अब कप्तान के तौर पर पूरी तरह तजुर्बा हासिल कर चुके हैं, वो अपनी टीम के हर खिलाड़ी की कमज़ोरी और ताक़त को अच्छी तरह पहचानते हैं। धोनी भी फ़ील्ड प्लेसमेंट के लिए विराट कोहली की मदद करते नज़र आते हैं। भारत ने साल 2017 की शुरुआत घरेलू सीरीज़ से की थी, और उनका पहला वनडे सीरीज़ इंग्लैंड के ख़िलाफ़ खेला गया था। इस सीरीज़ में टीम इंडिया 2-1 से विजेता बनी थी। इसके बाद जून 2017 तक भारत ने कोई भी 50 ओवर का मैच नहीं खेला। चैंपियंस ट्रॉफ़ी में भारत सबसे पसंदीदा टीम थी, लेकिन सीरीज़ जीतने से चूक गई। इसके बाद भारत ने वेस्टइंडीज़, श्रीलंका और ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ आसानी से वनडे सीरीज़ में जीत दर्ज की। कोहली ने मेहनत में कोई कमी नहीं की, यही वजह है कि भारत ने इस साल सबसे ज़्यादा वनडे मैच जीते।

#1 सरफ़राज़ अहमद

SARFARAZ

साल 2009 के वर्ल्ड टी-20 ख़िताब को जीतने के 1 दशक तक पाकिस्तान टीम में उतार चढ़ाव जारी रहा। हांलाकि इस टीम में हुनरमंद खिलाड़ियों की कोई कमी नहीं रही, फिर भी टीम में सही दिशा की कमी रही। शायद अज़हर अली की कप्तानी से विदा होने पर टीम का ये हाल हुआ। ये सरफ़राज़ अहमद का ही करिश्मा था जो पाकिस्तान टीम में जान आ गई। सरफ़राज़ ने साल 2006 में अपनी कप्तानी में पाकिस्तान को अंडर-19 वर्ल्ड कप जिताया था। इस प्रदर्शन के बावजूद एक दशक तक वो पाकिस्तान टीम के अहम हिस्सा नहीं बन पाए। लेकिन अब वक़्त और हालात बदल चुके हैं, सरफ़ाज़ आज सिर्फ़ पाक टीम के कप्तान ही नहीं बल्कि वो इसकी दिल और धड़कन हैं। सरफ़राज़ ने पाकिस्तान टीम को साल 2017 में कई जीत दिलाई है। इनकी सबसे बड़ी कामयाबी आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफ़ी को जीतना था वो भी फ़ाइनल में भारत को हराकर। ये बदलाव अचानक नहीं आया है, इसमें टीम के कप्तान और खिलाड़ियों की कड़ी मेहनत शामिल है। पाकिस्तान क्रिकेट टीम ने साल 2017 की शुरुआत ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ 1-4 से हार की थी, लेकिन अगली ही सीरीज़ में वेस्टइंडीज़ के ख़िलाफ़ जीत हासिल हुई थी। चैंपियंस ट्रॉफ़ी के बाद पाकिस्तान ने ज़्यादा मैच नहीं खेला। पाकिस्तान ने यूएई के अपने आधिकारिक घरेलू मैदान में श्रीलंका के ख़िलाफ़ 5-0 से सीरीज़ जीती थी। लेखक – आद्या शर्मा अनुवादक – शारिक़ुल होदा