क्रिकेट में ऑलराउंडर एक ऐसा खिलाड़ी होता है, जो किसी भी दिन बल्ले या गेंद दोनों ही से अपनी टीम को जिताने में सक्षम होता है। क्रिकेट में गेंदबाज़ी और बल्लेबाज़ी, दोनो ही कलाओं में एक साथ अच्छा करने की क्षमता एक उपलब्धि से कम नहीं है, और यह लगातार करने के लिए अद्वितीय स्वभाव और प्रतिभा की आवश्यकता होती है। आज जबकि क्रिकेट की दुनिया में नई टी -20 लीगों के आगमन के साथ दुनिया भर में ऑलराउंडर की भी अहमियत बढ़ती जा रही है, ये खिलाड़ी खेल के इस छोटे प्रारूप की अहम कड़ी बनते जा रहे हैं। आइये एक नज़र डालें साल 2017 के सर्वश्रेष्ठ ऑलराउंडर्स पर:
समित पटेल
समित पटेल का अंतरराष्ट्रीय करियर भले ही लगभग खत्म हो चुका है (2015 में उनकी आखिरी अंतर्राष्ट्रीय गेम में वापसी हुई थी), लेकिन घरेलू टी 20 में आने के बाद से उन्होंने पीछे मुड़ कर देखा नहीं है। वह 2017 के घरेलू सत्र में नॉटिंघमशायर के लिए शानदार फार्म में थे, लिस्ट-ए और टी -20 दोनों में ही उनका प्रदर्शन शानदार रहा। उन्होंने रॉयल वन-डे कप और नैटवेस्ट टी 20 ब्लास्ट जीतने में अहम योगदान निभाया। जिसके चलते उनकी टीम को काउंटी चैम्पियनशिप डिवीजन 1 में पदोन्नति मिली, और उन्हें पेशेवर क्रिकेटर्स अवार्ड्स में 'प्लेयर ऑफ द ईयर' का सम्मान भी मिला। नैटवेस्ट टी 20 ब्लास्ट में उनके द्वारा बनाये गये कुल 405 रन और 16 विकेटो ने उन्हें इस साल सुपर स्मैश के लिए वेलिंगटन टीम में स्थान दिलाया था और बांग्लादेश प्रीमीयर लीग में राजशाही किंग्स के लिए खेलने का अवसर मिला, मगर इन दोनों लीग में उनका प्रदर्शन उतना अच्छा नही रहा। कुल मिलाकर, उन्होंने 29.57 की औसत और 144.10 की स्ट्राइक रेट से 562 रन बनाए , और 26 मैचों में 24 विकेट लिए।
मोहम्मद नबी
अफगानिस्तान अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में बड़ी ही तेज़ी से प्रगति कर रहा है, और मोहम्मद नबी इस देश के सितारों में से एक हैं, और विदेशों में उनके सबसे प्रभावशाली क्रिकेटरों में से एक हैं। 2017 में आईपीएल नीलामी का हिस्सा रहे केवल दो अफ़ग़ानिस्तानी खिलाड़ियों में से एक थे मोहम्मद नबी। नबी का टी -20 में बीता वर्ष बेहतरीन रहा था, हालांकि आईपीएल में उनका सनराइजर्स हैदराबाद के साथ केवल तीन मैचों तक का ही सफ़र था। कुल मिलाकर उन्होंने इस साल टी -20 में 406 रन बनाये और वो भी 170 की स्ट्राइक रेट से। गेंद के साथ, अपनी ऑफ स्पिन से उन्होंने 39 मैच में 40 विकेट लिए और उनकी इकॉनमी 6.75 की रही और 3 बार पारी में तीन विकेट लिये। बांग्लादेश प्रीमीयर लीग में उनका एक बेहतरीन सीजन था, जिसमें 32 की औसत और 170 की स्ट्राइक रेट से 230 रन बनाए, साथ ही टूर्नामेंट में 1 9 विकेट के साथ तीसरे सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले खिलाड़ी थे। इस प्रदर्शन ने उन्हें बिग बैश में मेलबर्न रेनेगेड्स की ओर से खेलने का मौक़ा दिया, जिसमें उन्हें सुनील नारेन की जगह बुलाया गया था।
डैनियल क्रिश्चियन
अनुभवी ऑस्ट्रेलियाई ऑलराउंडर डैनियल क्रिश्चियन बेहतरीन टी-20 खिलाड़ी हैं। गेंदों को सीमारेखा के पार पहुँचाने में माहिर ये खिलाड़ी 34 साल की उम्र में भी गेंद के साथ भी एक उपयोगी खिलाड़ी हैं और मैदान पर भी एक चुस्त खिलाड़ी है। आईपीएल के एक बड़े नाम, क्रिश्चियन को पहली बार 2011 में डेक्कन चार्जर्स ने खरीदा था, लेकिन 2017 में वो पुणे के साथ खेले जहाँ 13 मैचों में उन्होंने 11 विकेट लिये थे। 2017 में उन्होंने कुल मिलाकर 512 रन बनाए जो 141 की स्ट्राइक रेट से आये थे। साथ ही उन्होंने 39 मैचों में 31 विकेट लिए थे, हालांकि उनकी 8.18 की इकॉनमी ज्यादा रही। उन्हें हाल ही में भारत के खिलाफ ऑस्ट्रेलियाई टी -20 टीम की ओर से बुलाया गया था, यह फैसला उनके इस खेल के विशाल अनुभव को दखते हुए किया गया था। 2017 के नैटवेस्ट टी 20 ब्लास्ट को उन्होंने नॉट्स के साथ जीता, जिसमें वह पूरे सीज़न में अपनी टीम की ओर से चौथे सबसे ज्यादा रन बनाने वाले और पांचवें सबसे अधिक विकेट लेने वाले खिलाड़ी रहे। खिताब जीतने के कुछ दिन बाद, वह कैरेबियन द्वीप पर उतर गए और सीधे त्रिनबागो नाइटराइडर्स एकदाश में जगह बनाई। बिग बैश टूर्नामेंट के सातवें संस्करण में होबार्ट हरिकेन्स के लिए वह एक और बार खेलने उतरे हैं।
बेन स्टोक्स
ब्रिस्टल के एक बार के बाहर शराब पीकर मारपीट करने के हादसे के चलते उन्हें एशेज से बाहर होना पड़ा लेकिन इससे पहले 2017 स्टोक्स के लिए एक सपने की तरह था। उनके भाव दिन ब दिन बढ़ रहे थे और इसके असर आईपीएल नीलामी में भी दिखे जब वह देखते ही देखते करोड़पति बन गये। 14.5 करोड़ में पुणे द्वारा खरीदे गये स्टोक्स का पुणे सुपरजाइंट के फाइनल तक पहुचने में अहम योगदान रहा, हालांकि उन्हें प्लेऑफ़ से पहले टूर्नामेंट छोड़ना पड़ा था। 12 मैचों में उन्होंने 312 रन बनाने और 12 विकेट लेने के अलावा उन्होंने 143 की स्ट्राइक रेट से महत्वपूर्ण मौकों पर अपनी टीम के लिये जो पारियाँ खेली वह अहम रहीं जिनसे टीम को बैलेंस भी मिला। एशेज की टीम का हिस्सा नहीं होने पर, स्टोक्स तीन गेम के लिए सुपर स्मैश में कैंटरबरी का प्रतिनिधित्व करने न्यूजीलैंड पहुंचे जो उनका जन्मस्थान भी है। एक ख़राब शुरुआत के बाद, वह एक मैच में 47 गेंद पर 93 रन के साथ शानदार फार्म में लौट आये। अगर केवल स्टोक्स ने ब्रिस्टल बार के बाहर उस रात खुद पर काबू रखा होता और शांत रहते, तो वह आज क्रिकेट के मैदान पर अपने देश का प्रतिनिधित्व कर रहे होते।
सुनील नारेन
यह बात तो सभी को पता थी कि सुनील नारेन बल्ले से भी कमाल कर सकते हैं (उन्होंने 2013 में एक टेस्ट मैच में ग्लेन मैक्सवेल को लगातार चार छक्के लगा दिये थे)। हालांकि जैसा प्रदर्शन उन्होंने 2017 में किया उसकी उम्मीद भी शायद ही किसी ने की होगी। बिग बैश में मेलबर्न रेनेगेड्स के द्वारा पारी की शुरुआत के लिये अजमाए गये और फिर आईपीएल में गौतम गंभीर की अगुवाई वाली केकेआर के लिये भी नारेन एक नियमित ओपनर बन गये। अब बात उनकी गेंदबाजी की करे जहाँ सभी जानते हैं कि वो एक गेंद के जादूगर हैं। हालांकि, खेल पर उनका असर तब से दिखने लगा था जब उन्होंने अपने गेंदबाजी एक्शन में बदलाव किया, हालाँकि 2017 में उनके आंकड़ों में ज्यादा प्रभाव नहीं दिखा। आईपीएल में उन्होंने 173 की स्ट्राइक रेट से 227 रन बनाए, और 16 मैचों में 10 विकेट लेने में सफल रहे। वह इस साल के आईपीएल के लिये आंद्रे रसेल के साथ केकेआर द्वारा रिटेन किये गये खिलाड़ी रहे। दुनिया भर में टी -20 लीग खेलने वाले नारेन ने इस साल 64 टी -20 मैच खेले। जहाँ 702 रन और 63 विकेट के साथ, वह क्रिकेट के सबसे छोटे फॉर्मेट के सबसे मूल्यवान खिलाड़ियों में से एक रहे हैं। लेखक: आद्या शर्मा अनुवादक: राहुल पांडे