चूंकि साल 2017 ख़त्म हो चुका है इसलिए हमने उन बेहतरीन टेस्ट क्रिकेटर्स को छांट कर एक टेस्ट टीम तैयार की है। इस टीम में वो 11 खिलाड़ी शामिल हैं जिन्होंने बीते साल लगातार बढ़ियां प्रदर्शन किया है। इस टीम का कप्तान स्टीवन स्मिथ को बनाया गया है और हरफ़नमौला खिलाड़ी बेन स्टोक्स और रविंद्र जडेजा को भी शामिल किया गया है। स्पोर्ट्सकीड़ा की टेस्ट टीम इस प्रकार है।
सलामी बल्लेबाज़
ग्रीम स्मिथ के संन्यास लेने के बाद डीन एल्गर ने प्रोटियाज़ टीम के लिए ओपनिंग बल्लेबाज़ी की ज़िम्मेदारी संभाली, जब वो टीम में आए तो उन्होंने टॉप ऑर्डर में अपनी जगह पक्की कर ली। एल्गर ने साल 2017 में क़रीब-क़रीब जिस भी किसी टीम के ख़िलाफ़ टेस्ट मैच खेला उनमें कम से कम एक शतक ज़रूर लगाए। इनमें श्रीलंका, न्यूज़ीलैंड, बांग्लादेश, इंग्लैंड की टीम शामिल है। बीते साल बांग्लादेश के ख़िलाफ़ एल्गर ने 2 शतक लगाए थे। हांलाकि ज़िम्बाब्वे के ख़िलाफ़ खेले गए एकमात्र मैच में उन्होंने 31 रन की पारी खेली थी। साल 2017 में उन्होंने 12 मैच की 21 पारियों में 53.71 की औसत से 1,128 रन बनाए थे जिसमें उनके 5 शतक और 4 अर्धशतक शामिल हैं। डेविड वॉर्नर – 49.85 की औसत से 997 रन डेविड वॉर्नर ने साल 2017 की शुरुआत और अंत शतक से किया था, ये दोनों शतक उन्होंने अपने घरेलू मैदान में बनाया था। पाकिस्तान के ख़िलाफ़ सिडनी के मैदान में उन्होंने 113 रन की पारी खेली थी, फिर साल भर उनका जलवा क़ायम रहा। उनका औसत क़रीब-क़रीब 50 के आसपास रहा। उन्होंने ने बांग्लादेश की स्पिन पिच पर लगातार 2 शतक लगाए और साबित किया कि विपरीत परिस्थितियों में भी वो शानदार खेल दिखा सकते हैं। साल के अंत में वॉर्नर के नाम 997 रन थे जिसमें उन्होंने 4 शतक और 4 अर्धशतक लगाए थे।
मध्य क्रम

टीम इंडिया के लिए चेतेश्वर पुजारा एक ऐसी चट्टान है जिसे हटा पाना की भी टीम के लिए आसान नहीं होता। उन्होंने साल 2017 में बांग्लादेश के ख़िलाफ़ 2 हाफ़ सेंचुरी लगाई थी। बैंगलौर में ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ 92 रन की पारी बेहद ज़रूरी वक़्त पर खेली गई थी। ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ रांची में 202 की पारी बेहद ख़ास थी, इस मैच में उन्होंने सबसे ज़्यादा गेंदों का सामना किया। श्रीलंका के ख़िलाफ़ उन्होंने 2 शतक लगाए थे। साल 2017 में उन्होंने 4 शतक और 5 अर्धशतक लगाया था, उन्होंने 67.06 की औसत से 1,140 रन बनाया था। स्टीवन स्मिथ (कप्तान) – 76.76 की औसत से 1,305 रन ऑस्ट्रेलिया के कप्तान स्टीवन स्मिथ ने साल 2017 में ज़िम्मेदारी से खेलते हुए अपनी टीम को कई जीत दिलाई है। उन्होंने टीम इंडिया के ख़िलाफ़ 3 टेस्ट शतक लगाया था। इसके अलावा अपने घरेलू मैदान में इंग्लैंड के ख़िलाफ़ भी शतकीय पारी खेली थी। बीते साल स्मिथ ने 11 टेस्ट मैच की 20 पारियों में 76.76 की औसत से 1,305 रन बनाए हैं। साल 2017 के कैलेंडर ईयर में वो सबसे ज़्यादा टेस्ट रन बनाने वाले खिलाड़ी हैं। पिछले साल ही उनहोंने एक पारी में 239 रन बनाए थे जो उनके करियर की बेस्ट पारी है। उन्होंने लगातार चौथे साल टेस्ट मैच में हज़ार रन का आंकड़ा पार किया है। विराट कोहली – 75.64 की औसत से 1,059 रन विराट कोहली ऐसे क्रिकेटर हैं जो बतौर खिलाड़ी बतौर कप्तान अपनी ज़िम्मेदारी को समझते हैं। साल 2017 में उन्होंने कई रिकॉर्ड बनाए हैं। उनकी कप्तानी में टीम इंडिया ने एक साल में वो सभी टेस्ट सीरीज़ जीता है जिसमें उसने हिस्सा लिया। पिछले साल कोहली ने 5 टेस्ट शतक लगाए जिसमें 3 दोहरा शतक शामिल था। अब उनके नाम 6 दोहरा शतक हो गया है। हांलाकि वो ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ शतक नहीं लगा पाए, लेकिन लगातार दूसरे साल उनका औसत 75 से ज़्यादा रहा। बीते साल उन्होंने 10 टेस्ट मैच की 16 पारियों में 75.64 की औसत से 1,059 रन बनाए। उन्होंने 3 मैचों की टेस्ट सीरीज़ में 610 रन बनाए थे जो किसी भी भारतीय के लिए एक रिकॉर्ड है। विकेटकीपर ऋद्धिमान साहा - 42.30 की औसत से 423 रन और 34 कैच, 3 स्टंपिंग साहा ऐसे खिलाड़ी हैं जो बेहद ख़ामोशी से अपनी टीम के लिए योगदान देते हैं, वो साल 2017 के सबसे कामयाब टेस्ट विकेटकीपर बल्लेबाज़ हैं। उन्होंने बांग्लादेश के ख़िलाफ़ 106 रन औऱ रांची में ऑस्ट्रलिया के ख़िलाफ़ 117 रन की पारी खेली। उन्होंने साबित किया कि वो किसी भी विपक्षी टीम के ख़िलाफ़ शतक लगाने में माहिर हैं। उन्हें अकसर हल्के में लिया जाता रहा है, लेकिन उनका प्रदर्शन उम्मीद से बेहतर रहा है। ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ उन्होंने ज़रूरी रन जोड़े जिससे भारत को कंगारू टीम के ख़िलाफ़ सीरीज़ जीतने में मदद मिली। श्रीलंका के ख़िलाफ़ कोलंबो में साहा ने 67 रन की पारी खेली थी। साल 2017 में उन्होंने 11 टेस्ट मैच की 14 पारियों में 42.30 की औसत से 423 रन बनाए। इसके अलावा उन्होंने विकेटकीपिंग के दौरान 34 कैच और 3 स्टंपिंग अपने नाम किए।
ऑलराउंडर्स

अगर विवाद की ख़बर को दरकिनार कर दें तो बेन स्टोक्स के हरफ़नमौला प्रदर्शन भी सुर्ख़ियों में आया था। स्टोक्स ने घरेलू मैदान में गेंजबाज़ों के अनुकूल माहौल में 2 शतक लगाए थे। इसके अलावा उनके नाम बीते साल में 4 अर्धशतक भी हैं, उन्होंने 7 टेस्ट मैच की 12 पारियों में 43.91 की औसत से 527 रन बनाए थे। इस अलवा उन्होंने 31.31 की औसत से 16 विकेट भी लिए थे। उन्होंने लॉर्ड्स के मैदान पर एक पारी में 22 रन देकर 6 विकेट हासिल किए थे। उन्होंने साउथ अफ़्रीका के ख़िलाफ़ 7 विकेट हासिल किए थे जिसमें कप्तान फ़ॉफ़ डुप्लेसी का भी विकेट शामिल था। इस प्रदर्शन के बावजूद ब्रिस्टल की घटना की वजह से उन्हें एशेज़ से बाहर होना पड़ा, जो निराशाजनक था। रविंद्र जडेजा – 41.00 की औसत से 328 रन और 23.06 की औसत से 54 विकेट अगर साल 2017 में प्रदर्शन की बात करें तो रविंद्र जडेजा ने अपने स्पिन जोड़ीदार रविचंद्रन अश्विन को काफ़ी पीछे छोड़ दिया क्योंकि जडेजा ने न सिर्फ़ विकेट हासिल किए बल्कि ज़रूरी रन भी बनाए। बांग्लादेश के ख़िलाफ़ उनका हरफ़नमौला प्रदर्शन और ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ उनका 6 विकेट हासिल करना भारत के लिए सीरीज़ जीतने में मददगार साबित हुआ। जडेजा ने साल 2017 में 41 की औसत से 328 रन बनाए। इसके अलावा 23.06 की औसत से 54 विकेट हासिल किए। यही वजह है कि वो दोनों ही क्षेत्र में अश्विन से आगे निकल गए।
स्पिनर

– 23.56 की औसत से 63 विकेट न ही भारत के रविचंद्रन अश्विन और न ही श्रीलंका के रंगाना हेराथ ने साल 2017 में इतने विकेट लिए हैं जितने कि नैथन लॉयन ने हासिल किए हैं। लॉयन ने अपने पिछले एशियाई तजुर्बे से बहुत कुछ सीखा था। यही वजह रही कि उन्होंने बांग्लादेश और भारत की टर्निंग पिच पर शानदार प्रदर्शन किया। उन्होंने अपने करियर की बेस्ट गेंदबाज़ी बैंगलौर में की जब 50 रन देकर 8 विकेट हासिल किए। लॉयन ने बीते साल भारत के ख़िलाफ़ 4 मैचों में 19 विकेट और बांग्लादेश के ख़िलाफ़ 2 मैचों में 22 विकेट लिए। लॉयन को हमेशा अलोचना का शिकार होना पड़ता था क्योंकि वो एशियाई पिच पर इतना कमाल नहीं दिखा पाते थे, लेकिन अब उन्होंने साबित कर दिया कि वो किसी से कम नहीं। साल 2017 में उन्होंने 23.56 की औसत से 63 विकेट हासिल किए हैं।
तेज़ गेंदबाज़

– 20.28 की औसत से 57 विकेट साल 2017 की शुरुआत रबाडा ने श्रीलंका के ख़िलाफ़ की थी जहां उन्होंने विपक्षी टीम का बुरा हाल कर दिया था। इसके बाद बांग्लादेश और ज़िम्बाब्वे के ख़िलाफ़ उनका प्रदर्शन शानदार रहा। उन्होंने अपने छोटे से अंतरराष्ट्रीय करियर में एक बड़ी छाप छोड़ी है। उन्होंने प्रोटियाज़ टीम में डेल स्टेन की कमी महसूस नहीं होने दी। बीते साल उन्होंने 11 मैचों की 20 पारियों में 20.28 की औसत से 57 विकेट हासिल किए। रबाडा ने न्यूज़ीलैंड और इंग्लैड के ख़िलाफ़ भी बेहतर खेल दिखाया था। जेम्स एंडरसन – 17.58 की औसत से 55 विकेट हांलाकि क्रिकेट करियर के हिसाब से वो उम्र के आख़िरी पड़ाव में हैं लेकिन इसके बावजूद वो विपक्षी टीम के दिलों में ख़ौफ़ पैदा कर देते हैं। साल 2017 से पहले जेम्स एंडरसन के नाम 467 विकेट थे, लेकिन साल बीतने के बाद उनको नाम 522 विकेट हो गए है। वो नए बॉल को स्विंग कराने में माहिर हैं। उन्होंने पिछले साल 4 बार एक पारी में 5 विकेट लिए हैं। वो अपने देश के एकलौते ऐसे टेस्ट गेंदबाज़ हैं जिन्होंने 500 विकेट का आंकड़ा पार किया हो। साल 2017 में उन्होंने 11 मैच की 21 पारियों में 17.58 की औसत से 55 विकेट लिए हैं। लेखक- हिमांशु अग्रवाल अनुवादक – शारिक़ुल होदा