स्पोर्ट्सकीड़ा के 50 सर्वश्रेष्ठ भारतीय टेस्ट क्रिकेटर (1-10)

harbhajan
#9. भगवत चन्द्रशेखर

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1971 ओवल, 1976 ऑकलैंड, 1976 पोर्ट ऑफ़ स्पेन, 1977 सिडनी और 1978 मेलबर्न - ये कुछ आकस्मिक क्रिकेट मैच नहीं हैं, जो अतीत के पन्नों से निकाले गए हैं। ये पांच उल्लेखनीय घटनाएं भारतीय इतिहास में कुछ यादगार टेस्ट जीत थीं और वे सभी भागवत चंद्रशेखर की शानदाग गेंदबाजी की वजह से मिलीं थी । पहली झलक में उनके करियर के आंकड़े शायद कुछ अन्य बड़े नामों की तरह डर की भावना पैदा नहीं करते हैं। लेकिन अगर बात मैच जीतने की क्षमता के संदर्भ में की जाये तो बहुत कम भारतीय गेंदबाज चन्द्रशेखर की बराबरी करने में सक्षम हुए हैं। बचपन से पोलियो जैसी बीमारी की वजह से दिव्यांग थे लेकिन चंद्रशेखर ने अपनी कमजोरी को ही अपनी ताकत बना लिया। कुछ असमान्य से एक्शन के साथ वह कमजोर हुए बॉलिंग हाथ के साथ गुगली, लेग ब्रेक के माहिर थे। जब कोई बल्लेबाज अच्छी बल्लेबाजी करते हुए क्रीज पर सेट हो चुका होता था तब वह एक ऐसा स्पेल डालकर खेल को बदल देते थे जो उन्हें उन दिनों सबसे खतरनाक गेंदबाज की श्रेणी में शुमार करता था। तत्कालीन कप्तान पटौदी चन्द्रशेखर की उपस्थिति के बिना किसी भी टेस्ट मैच में खेलने के लिए इच्छुक थे। करियर अवधि: 1964-1979 आंकड़े : 58 मैचों में 29.74 की औसत और 65.9 की स्ट्राइक रेट के साथ 242 विकेट, जिसमें 16 बार 5 विकेट और 2 बार 10 विकेट लेने का कारनामा उनके नाम था।