राहुल द्रविड़ और महेंद्र सिंह धोनी से समर्थन ना मिलने पर श्रीसंत ने जताई निराशा

भारतीय टीम के पूर्व तेज गेंदबाज एस श्रीसंत ने आईपीएल स्पॉट फिक्सिंग केस में राहुल द्रविड़ और महेंद्र सिंह धोनी द्वारा खुद का समर्थन नहीं किए जाने पर निराशा जताई है। श्रीसंत का कहना है कि राहुल द्रविड़ ने मुसीबत के समय उनकी जगह टीम फ्रेंचाइजी का साथ दिया। इसके अलावा उन्होंने ये भी कहा कि धोनी ने उनकी भावुक अपील का कोई जवाब नहीं दिया। एक अग्रेंजी न्यूज चैनल से बातचीत में श्रीसंत ने कहा' ये बहुत दुख की बात है कि राहुल द्रविड़ ने मेरे बजाय राजस्थान रॉयल्स टीम का साथ दिया, जबकि वो मुझे अच्छी तरह से जानते हैं'। वहीं उन्होंने ये भी कहा कि मैंने धोनी को एक भावुक मैसेज भेजा लेकिन उन्होंने भी उसका कोई जवाब नहीं दिया। श्रीसंत ने दावा किया कि 6 या शीर्ष 10 भारतीय खिलाड़ियों को दिल्ली पुलिस ने आरोपी बनाया था अगर वो 6 नाम बाहर आ गए तो इससे खेल पर काफी प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा। ये राष्ट्रीय टीम नहीं है और बीसीसीआई एक प्राइवेट फर्म है। अगर मुझे खेलने की इजाजत दी गई तो मैं दूसरे देश के लिए भी खेलने से बिल्कुल पीछे नहीं हटुंगा। गौरतलब है 2013 के आईपीएल सीजन में जब स्पॉट फिक्सिंग का मामला सामने आया था तब राहुल द्रविड़ राजस्थान रॉयल्स टीम के कप्तान थे। राजस्थान रॉयल्स के तीन खिलाड़ियों श्रीसंथ, अंकित चव्हाण और अजीत चंदीला को इसका दोषी पाया गया था। सभी तीनों खिलाड़ियों को दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार किया था और फिर बीसीसीआई ने इन पर आजीवन प्रतिबंध लगा दिया था। बीसीसीआई द्वारा बैन नहीं हटाने के लिए श्रीसंत ने केरल हाईकोर्ट में चुनौती दी थी और कोर्ट ने उन पर लगा प्रतिबन्ध हटा भी दिया था। हालांकि इसके बाद बीसीसीआई की अपील पर अदालत ने एक बार फिर से श्रीसंत के ऊपर लगे आजीवन प्रतिबंध को बहाल कर दिया। इसके बाद श्रीसंत ने कहा था कि उनके पास अब सिर्फ सुप्रीम कोर्ट में जाने का विकल्प बचा है।