सुप्रीम कोर्ट ने श्रीसंत के ऊपर से आजीवन प्रतिबंध को हटा दिया है और साथ ही में उन्होंने बीसीसीआई से श्रीसंत की सजा के ऊपर दोबारा विचार करने को कहा है। उनका कहना है कि बीसीसीआई को श्रीसंत का पक्ष भी सुनना चाहिए और 3 महीने में सजा तय का आदेश दिया है। जस्टिस अशोक भूषण की अध्यक्षता वाली समिति में शुक्रवार को यह फैसला सुनाया।
साल 2013 में श्रीसंत को आईपीएल में स्पॉट फिक्सिंग में शामिल होने के कारण बैन कर दिया गया था और यहां तक कि कुछ समय के लिए उन्हें जेल भी जाना पड़ा था। हालांकि कोर्ट ने यह बात भी साफ किया कि बीसीसीआई श्रीसंत को सजा दे सकती है, लेकिन उनके मुताबिक लाइफबैन की सजा थोड़ी ज्यादा कठोर है और अब बीसीसीआई के पास तीन महीने का समय है, जिसमें उन्हें श्रीसंत को लेकर फैसला लेना है।
आपको बता दें कि साल 2015 में पटियाला हाउस कोर्ट ने श्रीसंत को बरी कर दिया था, लेकिन इसके बावजूद बीसीसीआई ने उनके ऊपर से बैन नहीं हटाया था।
आपको बता दें कि साल 2013 में श्रीसंत के साथ उनके साथी खिलाड़ी अंकित च्वहान और अजीत चंडीला को भी स्पॉट फिक्सिंग करने के कारण बैन कर दिया गया था। इसके अलावा फिक्सिंग और सट्टेबाजी के कारण राजस्थान रॉयल्स और चेन्नई सुपर किंग्स को दो साल के लिए आईपीएल से निलंबित भी कर दिया गया था।
श्रीसंत काफी प्रतिभाशाली खिलाड़ी थे और उन्होंने साथ ही में वो भारत की कई यादगार (2007 वर्ल्डटी20 और 2011 विश्वकप) जीत का हिस्सा रहे हैं। उन्होंने अपना आखिरी अंतर्राष्ट्रीय मुकाबला 2011 में इंग्लैंड के खिलाफ खेला था। यह निश्चित ही श्रीसंत के लिए बड़ी खबर है और अब उन्हें भी बीसीसीआई के फैसले का बेसब्री से इंतजार होगा।
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