श्रीलंकाई क्रिकेट के लिए वर्तमान समय बहुत खराब चल रहा है, जहां श्रीलंका को पांच मैचों की एकदिवसीय अंतर्राष्ट्रीय सीरीज में ज़िम्बाब्वे के हाथों करारी शिकस्त झेलनी पड़ी, वहीँ अब इससे खफ़ा होकर एंजेलो मैथ्यूज ने श्रीलंकाई टीम की कप्तानी से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने क्रिकेट के तीनों प्रारूपों की कप्तानी छोड़ी। श्रीलंका को इस महीने यह दोहरा बड़ा झटका लगा है, पहले ज़िम्बाब्वे के खिलाफ वन-डे सीरीज में बड़ी हार और अब एंजेलो मैथ्यूज का कप्तानी छोड़ना, श्रीलंकाई क्रिकेट के लिए बड़ा सिर दर्द बन गया है। हार से पहले किसी को यह अंदाजा नहीं था कि श्रीलंका के आगे बेहद हलकी नज़र आने वाली ज़िम्बाब्वे क्रिकेट टीम मेजबान टीम को सीरीज में पराजित कर देगी। वाकई में मेहमान टीम ने श्रीलंका के खिलाफ शानदार प्रदर्शन किया, जिसकी बदौलत उन्होंने पहली बार किसी टेस्ट दर्जे वाली टीम को एकदिवसीय सीरीज में पराजित किया। एंजेलो मैथ्यूज ने 93 एकदिवसीय अंतर्राष्ट्रीय मैचों में श्रीलंका की कप्तानी की है, जिसमें इस टीम को 47 जीत हासिल हुई है, वहीँ 34 टेस्टों में 13 जीत और टी20 में 4 जीत और 7 हार मिली है। इसे पहले एंजेलो मैथ्यूज ने इस हार को अपने करियर का सबसे दुखद समय बताया था। इस हार के साथ ही मैथ्यूज की कप्तानी पर भी सवाल उठने लगे थे। उनकी कप्तानी में टीम के प्रदर्शन में लगातार गिरावट आ रही थी। चैंपियंस ट्रॉफी में भी श्रीलंका की टीम ने कुछ खास प्रदर्शन नहीं किया था। वहीँ उन्होंने ज़िम्बाब्वे के खिलाफ करारी हार के बाद यह भी कहा था कि हार के बाद कप्तान मैथ्यूज ने कहा सब कुछ हमारे खिलाफ ही रहा, हम विकेट को नहीं समझ पाए, लेकिन मैं कोई बहाना बनाना नहीं चाहता। हमने ख़राब खेला इस वजह से हमें हार का सामना करना पड़ा। गौरतलब है कि इस हार के साथ ही श्रीलंका के लिए 2019 विश्वकप में सीधे प्रवेश मिलने पर भी खतरे के बादल मंडराने लगे हैं और यह वेस्टइंडीज के लिए अच्छे संकेत हैं। नियम के अनुसार रैंकिंग की टॉप-8 टीमें और मेजबान इंग्लैंड को विश्वकप में सीधा प्रवेश मिलेगा, जबकि उससे नीचे वाली टीम को क्वालिफिकेशन राउंड खेलना होगा।