गंभीर ने 2012 में श्रीलंका के खिलाफ एक शानदार सीरीज खेली थी, जहां वह 51.60 के औसत से 258 रनों के साथ दूसरे सबसे ज्यादा रन बनाने वाले खिलाड़ी थे और तीसरे वनडे में एक शतक और 2 अर्धशतक दूसरे और पांचवें मैच में लगाये। इसके बाद वो अगले साढ़े पांच महीने और भारतीय टीम का हिस्सा रहे क्यूंकि फिर चयनकर्ताओं ने आईपीएल और घरेलू क्रिकेट में अच्छे प्रदर्शन के आधार पर, भारतीय बल्लेबाजी को ओपन करने के लिए शिखर धवन और रोहित शर्मा का चयन किया था। गंभीर को इंग्लैंड दौरे के लिए टेस्ट टीम में फिर शामिल किया गया था लेकिन उन्होंने चार पारियों में 4, 18, 0 और 3 रनों के साथ बेहद ख़राब प्रदर्शन किया। गंभीर ने आईपीएल और घरेलू स्तर पर अच्छा प्रदर्शन जारी रखा और 2016 में न्यूजीलैंड की सीरीज़ के अंतिम टेस्ट के लिए केएल राहुल के चोटिल होने पर टेस्ट टीम में वापसी की। गंभीर ने पहली पारी में 29 रन बनाए थे लेकिन इसके बाद दूसरी पारी में 56 गेंदों में तेज़ 50 रन बनाकर और भारत ने मैच के साथ ही श्रृंखला भी 3-0 से जीती थी।
उन्हें 5 मैचों की श्रृंखला के पहले दो टेस्ट मैचों में इंग्लैंड का सामना करने के लिए टीम में शामिल किया गया था। हालांकि राजकोट में पहले टेस्ट में उनका प्रदर्शन बहुत खराब रहा जहाँ उन्होंने पहली पारी में 29 रन बनाये थे और दूसरी पारी में खाता भी न खोल सके थे।परिणामस्वरूप दूसरे टेस्ट में वो नहीं खेले और अगले तीन टेस्ट के लिए टीम से बाहर कर दिए गए। तब से गंभीर ने आईपीएल में शानदार प्रदर्शन किया और वह दूसरे सबसे ज्यादा रन-स्कोरर थे। हालांकि श्रीलंका दौरे के लिए चुनी गयी टेस्ट टीम के लिए उन्हें अनदेखा कर दिया गया था। श्रीलंका के खिलाफ शिखर धवन और केएल राहुल दोनों जबर्दस्त प्रदर्शन करने के साथ ही ओपनिंग के लिए मुरली विजय के रूप में एक कठिन चुनौती भी सामने है और इसे देखते हुए यह लगता है कि शायद हमने भारत के बेहतरीन सलामी बल्लेबाजों में से एक का अंत देख लिया है।
लेखक: नीलभरा रॉय अनुवादक: राहुल पाण्डे