भारतीय टीम का मौजूदा स्पोंसर स्टार इंडिया देश में क्रिकेट के भविष्य पर स्पष्टता की कमी के चलते टीम इंडिया की जर्सी नीलामी के अगले दौर में हिस्सा नहीं लेगा। टाइम्स ऑफ़ इंडिया से बातचीत में स्टार इंडिया के सीईओ उदय शंकर ने कहा, 'हमें गर्व है कि टीम इंडिया की जर्सी पर हमारा नाम जाता है। मगर सभी अनिश्चितताओं को देखते हुए हमने दोबारा नीलामी में हिस्सा नहीं लेने का फैसला किया है। हमारी प्रतिबद्धताएं बिना किसी स्पष्टीकरण के बदल नहीं सकती।' ऑस्ट्रेलिया के मौजूदा भारत दौरे के बाद स्टार इंडिया और बीसीसीआई के बीच मौजूदा अनुबंध 2017 मार्च में समाप्त होने जा रहा है। इसके बाद बोर्ड भारतीय टीम के लिए नया स्पोंसर खोजेगा। नए स्पोंसर के लोगो सीनियर, जूनियर और महिला टीम की जर्सी पर भी वर्ष के अंत में नजर आएंगे। अगर बाजार विशेषज्ञों की माने तो कई डिजिटल स्पोंसरों के नीलामी में हिस्सा लेने की उम्मीद है। स्टार इंडिया के सीईओ ने प्रमुख कारण बताया है कि आईसीसी और बीसीसीआई अपने पक्षों पर खड़े हैं और इसी वजह से खेल के भविष्य पर चिंता खड़ी हो गई है। इससे खेल के विकास में भी हाल ही में नुकसान हुआ है। मीडिया हाउस ने भी भारतीय टीम के लिए मोटी रकम लगाई है, लेकिन इस बात की चिंता भी सता रही है कि आने वाले समय में बोर्ड मुश्किलों से घिर सकता है। भारतीय टीम को चैंपियंस ट्रॉफी से पहले नया लोगो स्पोंसर मिलने की उम्मीद है। चैंपियंस ट्रॉफी 1 जून से इंग्लैंड में शुरू होगी। 2013 दिसंबर में सहारा से स्पोंसोरशिप अधिकार लेने वाली स्टार इंडिया ने कहा है कि फ्यूचर टूर प्रोग्राम पर कोई स्थिति स्पष्ट नहीं है जो कि आईसीसी द्वारा तैयार की जाती है। ऐसे में मीडिया कंपनी पूरी तहकीकात करने के बाद ही बोर्ड के साथ दोबारा हाथ मिलाएगी। स्टार इंडिया के अलग होने से पेटीएम को स्पोंसोरशिप मिलने के आसार बढ़ गए हैं जो कि बीसीसीआई का मौजूदा टाइटल स्पोंसर है। एक और मजबूत दावेदार रिलायंस है। हालांकि स्टार इंडिया का फैसला बीसीसीआई के लिए बड़ा झटका है क्योंकि आईसीसी के साथ उसके रिश्ते पहले से ही तनावपूर्ण चल रहे हैं।