आंकड़ें: साल 2015 के बाद से भारत के बेहतरीन तेज गेंदबाज़

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जैसाकि लोग कहा करते हैं कि ज़िन्दगी पल भर में एक ही झटके बदल जाती है। चीजें कितनी भी खराब क्यों न हों या फिर अँधेरा कितना भी घना क्यों न हो उजाले की एक किरण उस पल भर में खत्म कर देती है। सन 1983 में वर्ल्डकप जीतने के बावजूद भी भारतीय टीम कभी भी वनडे की बेहतरीन टीम नहीं रही। हालांकि टीम ने 1985 में ऑस्ट्रेलिया में हुए वर्ल्ड चैंपियनशिप में जीत हासिल करके खुद को बड़े टूर्नामेंट में साबित किया। लेकिन इस छोटे प्रारूप में टीम इंडिया का प्रदर्शन मिला जुला रहा। इसी तरह अगर हम बात करें तो साल 2015 में हुए विश्वकप का प्रभाव टीम इंडिया पर खूब पड़ा। जहां टीम सेमीफाइनल तक पहुंची। इस सफर में टीम के गेंदबाजों का प्रदर्शन अच्छा रहा था। हालांकि टूर्नामेंट की शुरुआत में भारतीय गेंदबाजों की आलोचना इस बात को लेकर हो रही थी। क्योंकि उनके प्रदर्शन में निरंतरता की कमी थी। जिसमें योजना और दबाव बनाने की क्षमता में सफी कमी नजर आ रही थी। हालांकि इस टूर्नामेंट में ये गेंदबाज़ बिलकुल ही बदले से नजर आये, जहां टीम इंडिया ने पहले 7 मैचों में 70 विकेट लिये। सिर्फ गेंदबाज़ सेमीफाइनल में थोड़े कम प्रभावी नजर आये थे। टूर्नामेंट के इसी मैच में मेन इन ब्लू सिर्फ इसी मैच में खराब खेले थे। इस बड़े टूर्नामेंट का असर भारतीय खिलाड़ियों के ऊपर साफ देखने को मिला और उन्होंने अपनी कमियों को और दूर किया। जिसके बाद भारतीय गेंदबाज़ी में एक नई ऊर्जा का संचार हुआ। जिसके बाद टीम की गेंदबाज़ी पर सकारात्मक असर देखने को मिला। कुछ लोग इसे दो कप्तानों का असर मानते हैं, जिनके अलग-अलग अप्रोच को गेंदबाज़ मैदान पर उतारने में काफी हद तक सफल रहे हैं। लेकिन इस बेहतरीन प्रदर्शन में सबसे अहम हमारे गेंदबाज़ रहे हैं। जिन्होंने काफी मेहनत की है। सीमित ओवर के क्रिकेट में उमेश यादव का प्रदर्शन काफी खराब रहा है। लेकिन उमेश ने साल 2015 के बाद से भारत के लिए सबसे ज्यादा विकेट लिए हैं। विदर्भ के इस तेज गेंदबाज़ का प्रदर्शन बड़े प्रारूप में भी बेहतरीन रहा है। इसके अलावा न्यूज़ीलैंड के साथ हुए वनडे मैचों में भी उमेश का प्रदर्शन अच्छा रहा है। मोहम्मद शमी जो सीमित ओवर के क्रिकेट में उतने नजर नहीं आये हैं। जिसकी वजह चोट रही है। लेकिन टेस्ट में विकेट लेने के मामले में वह उमेश के बाद दूसरे क्रम पर हैं। नये साल की शुरूआत में भारत को 6 वनडे मैच खेलने हैं। उसके बाद चैंपियंस ट्राफी और 5 टेस्ट भी खेलने हैं। यहां दिए गये चार्ट से हम आपको साल 2015 के वर्ल्डकप के बाद से किस भारतीय तेज गेंदबाज़ ने कैसा प्रदर्शन किया है, वह बता रहे हैं। साल 2015 वर्ल्डकप के बाद सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले भारतीय तेज गेंदबाज़: