भारतीय टीम (Indian Cricket Team) को टी20 वर्ल्ड कप (T20 World Cup) के सेमीफाइनल मुकाबले में मिली हार के बाद अब एक बड़ा सवाल खड़ा हो गया है कि क्या भारतीय प्लेयर्स को विदेशी टी20 लीग्स में खेलना चाहिए या नहीं। इसको लेकर सबकी अलग-अलग राय है। वहीं चेन्नई सुपर किंग्स के हेड कोच स्टीफन फ्लेमिंग ने सलाह दी है कि भारतीय खिलाड़ियों को अपनी स्किल सुधारने के लिए विदेशी टी20 लीग्स में खेलना चाहिए।
दरअसल बीसीसीआई अपने खिलाड़ियों को आईपीएल के अलावा देश के बाहर होने वाली किसी भी टी20 लीग में खेलने की अनुमति नहीं देती है। भारतीय खिलाड़ी ऑस्ट्रेलिया में होने वाले बीबीएल में नहीं खेलते हैं और वहीं इंग्लैंड के कई खिलाड़ी इस लीग में खेलते हैं और उन्हें यहां खेलने का ज्यादा अनुभव है। इसके अलावा इंडियन प्लेयर्स सीपीएल और द हंड्रेड जैसे टूर्नामेंट्स में भी हिस्सा नहीं लेते हैं। भारतीय खिलाड़ी केवल आईपीएल ही खेलते हैं।
अलग-अलग लीग्स में खेलने से काफी अनुभव मिलता है - स्टीफन फ्लेमिंग
स्टीफन फ्लेमिंग के मुताबिक भारतीय खिलाड़ियों को भी विदेशी लीग्स में खेलना चाहिए। उन्होंने ईएसपीएन क्रिकइन्फो पर बातचीत के दौरान कहा 'जब आप कमेंटेटर्स को सुनते हैं तो वो बताते हैं कि बीबीएल की वजह से किस तरह से एलेक्स हेल्स को एडिलेड के ग्राउंड में खेलने का काफी ज्यादा एक्सपीरियंस है। दुनिया भर के खिलाड़ी जब अलग-अलग टी20 लीग्स में खेलते हैं तो उन्हें काफी अनुभव मिलता है। इसी वजह से जब वो अपने देश के लिए खेलते हैं तो उस मैदान में खेलने में उन्हें ज्यादा परेशानी नहीं होती है।'
स्टीफन फ्लेमिंग ने आगे कहा 'अगला टी20 वर्ल्ड कप वेस्टइंडीज में है और इसी वजह से सीपीएल अब प्लेयर्स के लिए काफी अहम हो गया है। जो खिलाड़ी इस टूर्नामेंट में खेलेंगे उन्हें कैरेबियन परिस्थितियों का अच्छी तरह से अंदाजा हो जाएगा और इससे टीम को काफी फायदा होगा।'