भावनाओं में बह गया था, मैं माफी चाहता हूं : स्टीव स्मिथ

धर्मशाला टेस्ट समाप्त होने के बाद खिलाड़ियों ने अपनी प्रतिक्रियाएं दी। इसमें विपक्षी कप्तान स्टीव स्मिथ ने पूरी सीरीज में हुए विवादों में खुद की गलती मानते हुए माफी मांगी। उनका यह बयाना बेहद दिलचस्प रहा। भारत ने इसमें जीत के बाद बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी पर 2-1 से कब्ज़ा जमाया। रविन्द्र जडेजा को मैन ऑफ़ द मैच और सीरीज दोनों पुरस्कार मिले। स्टीव स्मिथ मेरे श्रेष्ठ सीरीज में से यह एक रही। भारत को जीत का श्रेय देना चाहूंगा। उनकी अच्छी क्रिकेट टीम है। खासकर अपने घर में। हमारे लिए यह मुश्किल दौरा रहा। उन्हें चुनौती प्रदान करने के लिए मुझे गर्व है।कल 70 पर पांच विकेट खोने के बाद हम पिछड़ गए, इसका श्रेय उमेश यादव की शानदार गेंदबाजी को जाता है।अच्छा विकेट था जिसमें गति और उछाल दोनों था। अगर आप बल्लेबाजी करने की चाहत रखते हैं, तो रन बना सकते हैं। इस सीरीज के दौरान में तीव्र हो गया। मैं सच में टीम के लिए अच्छा करना चाहता था। मैं अपने में ही चला गया और भावनाओं को पीछा छोड़ दिया। मैं उसके लिए माफी मांगता हूं। चेतेश्वर पुजारा शानदार सीरीज, खासकर पहले टेस्ट की निराशा के बाद। हम 3-1 से जीतना चाहते थे लेकिन यह 2-1 से हुआ। दूसरी पारी में तेज गेंदबाजों का शानदार प्रदर्शन रहा। हमने अच्छी साझेदारियां की। मैंने रहाणे को कहा था कि हमें रन ना भी बने तब भी विकेट नहीं गंवाना है।अगर हम विकेट नहीं गंवाएंगे तो स्कोर बना सकते हैं। रन रेट अहम नहीं थी। अगर कुछ मैथ और होते तो मैं खेलना पसंद करता। मैंने इस घरेलू सीजन में काफी आनंद उठाया और अगले में भी ऐसा करने की उम्मीद करता हूं। केएल राहुल पुणे में मुझे मालूम था कि मै अपने शॉट नहीं खेल पा रहा हूं। यह एक बड़ी पाबंदी थी। मुखे शॉट खेलना पसंद है और स्पिनरों पर हावी होने के लिए भी जाता हूं। लेकिन मुझे वहां अलग गेम खेलना पड़ा। निराशाजनक है कि मैं इसको अधिक आगे नहीं ले जा पाया लेकिन अब कोई मसला नहीं है। यहां मैंने सोचा कि टीम के लिए कुछ शॉट खेलना है। इसके अलावा दिमाग में क्या चल रहा था यह मुझे नहीं मालूम।" कमिन्स की गेंद पर छक्के के समय जिंक बाहर निकला और वे मेरे पास आकर बोले कि मैं हावी हो रहा हूं। रविन्द्र जडेजा इस चैम्पियन टेस्ट टीम और नंबर एक गेंदबाज होकर अच्छा लग रहा है। जब मैं बल्लेबाजी कर रहा था तो समय लेने के बारे में सोच रहा था, उसके बाद पीछे से वेड की आवाजें आने लगी। उससे मुझे प्रेरणा मिली कि अगर मैं रन से जवाब दूंगा तो बेहतर होगा। कोच और कप्तानों ने मुझे कहा था कि मुझमें लम्बा खेलने की क्षमता है। कुछ समय पहले लोग मुझे टेस्ट गेंदबाज नहीं मानते थे। यह सीजन उन्हें जवाब है। मैंने और अश्विन ने दोनों तरह से दबाव बनाकर रखा। अगली बार मैं शतक का प्रयास करूंगा और दो तलवारों से जश्न मनाऊंगा। अजिंक्य रहाणे अविश्वसनीय, यह हमारी अब तक की सबसे श्रेष्ठ जीत है। मुझे लगा इंग्लैंड तेज है लेकिन ऑस्ट्रेलिया ने हमें टक्कर दी, जो शानदार थी। हमने फिटनेस पर काम किया जिसका फायदा भी मिला। साथियों ने पूरे सीजन में प्रदर्शन के लिए खुद को तैयार रखा।यह टीम का सीजन था। जिस प्रकार की फिटनेस और लालसा तेज गेंदबाजों ने दिखाई, वह अविश्वसनीय है। यह खेल को बदलने वाला प्रयास रहा।

Edited by Staff Editor
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