भारतीय बल्लेबाज अपने खेल के साथ-साथ बल्ले का भी काफी ख्याल रखते हैं। खिलाड़ियों को समय-समय पर बल्लों की मरम्मत की जरूरत होती है। लेकिन क्या आप जानते हैं इन क्रिकेटर्स के बल्लों को रिपेयर करने का काम पुणे की एक छोटी सी गली में बैट्स की वर्कशाॅप चलाने वाला 25 साल का एक लड़का कर रहा है। ये जानकारी भारतीय महिला टीम के लिए 6 वनडे और 4 टी20 मैच खेल चुकी और अब खेल पत्रकार के तौर पर काम करने वाली स्नेहल प्रधान ने अपने एक वीडियो के जरिए साझा की है। उन्होंने महेश रणसुभे नाम के इस शख्स का इंटरव्यू लेकर क्रिकेट प्रशंसकों से रूबरू कराया है।
पुणे के दापोड़ी में रहने वाले महेश रणसुभे (25) पेठ इलाके की शिंदे गली में बल्लों के रिपेयरिंग की एक छोटी वर्कशाॅप चलाते हैं। महेश के काम की तारीफ बेन स्टोक से लेकर धोनी ने भी की है। इस आईपीएल सीजन में भी कई क्रिकेटर्स के बैट्स उनके पास रिपेयर होने के लिए आए। महेश बचपन से ही क्रिकेटर बनना चाहते थे। काॅलेज के दिनों में उन्होंने पुणे के पीवाईसी जिमखाना में क्रिकेट की प्रैक्टिस भी शुरु की। क्रिकेट खेलते-खलते इस दौरान उन्होंने बैट्स को रिपेयर करना भी सीख लिया। महेश ने 12 वीं तक की पढ़ाई पुणे के सिम्बायोसिस काॅलेज से पूरी की। इसके बाद बीकॉम के लिए सिंहगढ़ काॅलेज में एडमिशन लिया। महेश का पढ़ाई से ज्यादा ध्यान क्रिकेट पर था, लेकिन इसी बीच पिता को बिजनेस में नुकसान हुआ और घर की आर्थिक हालत नाजुक हो गई। ऐसे में महेश ने पढ़ाई छोड़ बैट रिपेयरिंग का काम शुरु कर दिया।
महेश ने बताया कि, उन्होंने सबसे पहले रजत भाटिया का बैट रिपेयर किया था, इसके बाद राहुल त्रिपाठी का भी किया। जनवरी में इंग्लैड की टीम पुणे में वन डे मैच खेलने के लिए आई थी। उस समय केदार जाधव और अन्य क्रिकेटर्स ने धोनी और विराट कोहली को महेश के बारे में बताया। दोनों प्लेयर्स ने बैट्स रिपेयर करने के लिए महेश को एमसीए स्टेडियम पर बुलाया। वहां उन्हें पहली बार धोनी और विराट के बैट पर काम करने को मिला। महेश ने अब तक आईपीएल के सबसे महंगे खिलाड़ी बेन स्टोक्स, जो रूट, विराट कोहली, राहुल त्रिपाठी, इमरान ताहिर, रविंद्र जड़ेजा, उमेश यादव, मनीष पांडे, इशांत शर्मा के बल्ले रिपेयर किए हैं।
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