वनडे क्रिकेट का पहला मैच 1971 में ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के बीच खेला गया था। उस समय से लेकर आज तक वनडे के खेल में काफी बदलाव आए हैं। इस दौरान खिलाड़ियों के खेलने के तरीके में काफी बदलाव आया और कई बड़े रिकॉर्ड बने और टूटे हैं। वनडे एकादश में सभी टीमें चाहती हैं की उनके पास आक्रमक बल्लेबाजी करने के साथ ही मजबूती से टिकने वाला बल्लेबाज भी हो। इसके साथ ही गेंदबाजी में भी स्पिन और पेस का अच्छा संयोजन हो। टीम विकेटकीपर भी ऐसा चाहती है जो बल्ले से रन बना सके। आज भी क्रिकेट में कप्तान टीम में काफी अहम रोल अदा करता है। गेंदबाजी परिवर्तन से लेकर बल्लेबाजी क्रम में बदलाव तक सारी जिम्मेदारी कप्तान की ही होती है। क्या आपने कभी सोचा है अगर एक टीम में सभी कप्तान हो तो कैसा होगा। आज हम आपको ऐसे ही वनडे एकादश के बारे में बताने जा रहे हैं जिसमें सिर्फ कप्तान ही शामिल हैं। सनथ जयसूर्या (श्रीलंका) बाएं हाथ के स्पिन गेंदबाज के रूप में अपना करियर शुरू करने वाले जयसूर्या करियर खत्म होने के समय वनडे क्रिकेट के सबसे महान बल्लेबाजों में गिने जाने लगे थे। इसके साथ ही वह श्रीलंका के सबसे बेहतरीन कप्तानों में से एक थे। अपने 22 साल के एरियर में उन्होंने 445 वनडे मैच खेले जिसमें 32.36 की औसत और 91.2 की स्ट्राइक रेट से उन्होंने 13430 रन बनाये। इसके साथ ही गेंद ने भी उन्होंने अपनी छाप छोड़ी। गेंदबाजी में 36 की औसत से उन्होंने 323 बल्लेबाजों का शिकार बनाया। वह ऐसे गेंदबाज थे जो हर मैच में 10 ओवर फेंक सकता था। कप्तान के तौर पर जयसूर्या ने 118 वनडे मैच खेले जिसमें उनकी टीम को 66 मैचों में जीत मिली। हर टीम चाहती है कि उनका सलामी बल्लेबाज जयसूर्या जैसा हो।ग्रीम स्मिथ (दक्षिण अफ्रीका) इस टीम में जयसूर्या के पार्टनर रहेंगे दक्षिण अफ्रीका के पूर्व कप्तान ग्रीम स्मिथ। स्मिथ दक्षिण अफ्रीका क्रिकेट इतिहास के सबसे महान कप्तान रहे हैं। अंतरराष्ट्रीय मैचों में टीम में जगह पक्की होने से पहले ही टीम की कप्तानी मिलने के बावजूद स्मिथ ने बल्ले और कप्तानी दोनों में अपनी छाप छोड़ी। उन्होंने 150 वनडे मैचों में टीम की कप्तानी की जिसमें 92 मैचों में टीम ने जीत दर्ज की। इस तरह उनका जीत प्रतिशत 64.23 रहा। अपने वनडे करियर में उन्होंने 197 मैचों में 6989 रन बनाये और वह जयसूर्या के साथ मिलकर टीम को शानदार शुरुआत दे सकता हैं।रिकी पोंटिंग (ऑस्ट्रेलिया, कप्तान) निसंदेह ऑस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान रिकी पोंटिंग क्रिकेट इतिहास के सबसे महान कप्तान रहे हैं। उन्हें कप्तानों का कप्तान कहा जाये तो गलत नहीं होगा। वनडे और टेस्ट दोनों में वह उनका जीत प्रतिशत शानदार रहा है। उनकी टीम में कई वर्ल्ड क्लास खिलाड़ी थे और पोंटिंग ने सबको एकसाथ लेकर ऐसी टीम बनाई जिसे हराना सभी टीमों का सपना होता था। उन्होंने 230 मैचों में ऑस्ट्रेलिया की कमान संभाली जिसमें टीम को 165 मैचों में जीत मिली थी। इस तरह उनका जीत प्रतिशत 76.14 था। कप्तानी के साथ ही उन्होंने बल्ले से भी 375 मैचों में 42 की औसत से 13704 रन बनाये हैं। उनकी कप्तानी में ऑस्ट्रेलिया की टीम ने 2 विश्वकप और 2 चैंपियंस ट्रॉफी पर कब्जा जमाया था।अर्जुना रणतुंगा (श्रीलंका) कुमार संगकारा, महेला जयवर्धने, सनथ जयसूर्या और मुथैया मुरलीधरन के होते हुए भले ही रणतुंगा की गिनती श्रीलंका के सबसे बड़े खिलाड़ियों में नहीं होती है लेकिन श्रीलंका की टीम ने उनकी की कप्तानी में जीतना शुरू किया था। 1996 विश्वकप विजेता टीम के कप्तान रणतुंगा की कप्तानी में श्रीलंका ने 193 वनडे मैच खेले जिसमें टीम को 89 मैचों में जीत मिली। उनका रिकॉर्ड शायद सभी कप्तानों में सबसे खराब हो लेकिन उनकी कप्तानी में श्रीलंका की टीम ने फर्श से अर्श तक का सफर तय किया था। बल्लेबाज के रूप में उन्होंने 7456 बन बनाये वहीं अपनी गेंदबाजी 79 विकेट भी चटकाए थे।क्लाइव लॉयड (वेस्टइंडीज) रिकी पॉन्टिंग को कोई कप्तान अगर टक्कर दे सकता है तो वह लॉयड ही हैं। उनकी कप्तानी में वेस्टइंडीज की टीम ने क्रिकेट का पहला और दूसरा विश्वकप अपने नाम किया था। उन्होंने अपने करियर में 87 मैच खेले जिसमें 84 मैचों में उन्होंने टीम की कप्तानी की थी। कप्तान के रूप में उनका जीत प्रतिशत 77.71 है जो 30 से ज्यादा वनडे में कप्तानी करने वाले कप्तानों में सबसे बेहतरीन है। उन्होंने 87 मैचों में 40 की औसत और 81.22 की स्ट्राइक रेट से 1977 रन बनाये हैं। वेस्टइंडीज टीम को आज के समय ऐसे ही लीडर की जरूरत है।हेंसी क्रोनिये (दक्षिण अफ्रीका) 90 के दशक के अंतिम वर्षों में क्रोनिये ने दक्षिण अफ्रीका क्रिकेट को एक अलग पहचान दिलाई थी। भले ही ग्रेम स्मिथ ने ज्यादा मैचों में दक्षिण अफ्रीका की कप्तानी की है लेकिन जीत प्रतिशत की बात करें तो क्रोनिये ज्यादा सफल कप्तान रहे हैं। उनकी कप्तानी में प्रोटियास टीम का जीत प्रतिशत 73.7 था। खिलाड़ी के रूप में भी उन्होंने 188 वनडे मैचों में 5565 रन बनाने के साथ ही 114 विकेट भी हासिल किये थे। इसके बावजूद मैच फिक्सिंग में नाम आने की वजह से कोई उनके बारे में ज्यादा बातें नहीं करता।महेंद्र सिंह धोनी (भारत) भारतीय टीम के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी से अच्छा विकेटकीपर कप्तान शायद ही क्रिकेट इतिहास में होगा। वह सबसे ज्यादा मैचों में कप्तानी करने के मामले में पॉन्टिंग और फ्लेमिंग के बाद तीसरे स्थान पर हैं। उन्होंने 199 मैचों में कप्तानी की है जिसमें टीम को 110 मैचों में जीत मिली है। धोनी अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में तीनों आईसीसी ट्रॉफी जीतने वाले एकमात्र कप्तान है। विकेटकीपिंग के साथ ही वह बल्ले से भी काफी सफल रहे हैं। क्रिकेट के सबसे बेहतरीन फिनिशर माने जाने वाले धोनी ने 321 पारियों में 10046 रन बनाये हैं जबकि विकेट के पीछे 407 शिकार किये हैं।इमरान खान (पाकिस्तान) हाल ही में पाकिस्तान में हुए आम चुनाव में जीत दर्ज करने के बाद अगले प्रधानमंत्री बनने की तैयारी कर रहे इमरान खान ने चुनाव में भी अपने लीडरशिप की खासियत दिखा दी। इमरान की कप्तानी में ही पाकिस्तान की टीम ने 1992 का विश्वकप अपने नाम किया था। उनकी कप्तानी में पाक टीम ने 139 मैचों में से 75 में जीत हासिल की है और उनका जीत प्रतिशत 55.92 का था। खिलाड़ी के रूप में भी वह एक महान ऑलराउंडर के रूप में याद किये जाते हैं। 175 वनडे मैचों में उनके बल्ले से 3709 रन निकले और साथ ही उन्होंने 182 बल्लेबाजों का शिकार भी किया।कपिल देव (भारत) इमरान खान के साथ कपिल देव इस टीम में ऑलराउंडर की भूमिका निभाएंगे। महेंद्र सिंह धोनी भले ही भारत के सबसे महान कप्तान माने जाते हैं लेकिन 1983 विश्वकप में जीत के बाद क्रिकेट पूरी तरह बदल गई और उस टीम के कप्तान कपिल देव थे। उनके संन्यास लेने के लगभग 25 साल बाद भी आज भारतीय क्रिकेट को उनके जैसे खिलाड़ी की तलाश है। 225 वनडे में उन्होंने 24 की औसत और 95 के स्ट्राइक रेट से 3783 रन बनाये थे। इसके अलावा उनके नाम 253 विकेट भी दर्ज हैं।डेनियल विटोरी (न्यूजीलैंड) एक स्पिनर को टीम की कप्तानी करते हुए काफी कम देखा गया है। जिस स्पिनर ने 30 या उससे अधिक मैचों में टीम की कप्तानी की है उनमें विटोरी से ज्यादा सफल कोई नहीं रहा है। 82 मैचों में उन्होंने टीम की कप्तानी की जिसमें न्यूजीलैंड को 41 मैचों में जीत मिली। विटोरी की गिनती भले ही कीवी टीम के सबसे महान कप्तानों में नहीं की जाती है लेकिन वह दुनिया के सबसे सफल स्पिनरों में रहे हैं। 295 मैचों में उनके नाम 305 विकेट दर्ज हैं।मशरफे मुर्तजा (बांग्लादेश) मशरफे मुर्तजा ने सिर्फ 58 मैचों में बंगलादेश की कमान संभाली है लेकिन उनकी कप्तानी में टीम ने जो मुकाम हासिल किये हैं वह किसी भी मायने में कम नहीं है। उनकी कप्तानी में टीम क्रिकेट विश्वकप और चैंपियंस ट्रॉफी के नॉकआउट दौर तक पहली बार पहुंची है। उनकी कप्तानी में ही बांग्लादेश की टीम ने अपने अपने से ऊपर की रैंकिंग वाली टीमों को भी हराना शुरू किया था। लेखक: नवीन अनुवादक: ऋषिकेश कुमार