भारत (Indian Cricket Team) के लिए तीनों ही प्रारूप खेल चुके स्टुअर्ट बिन्नी (Stuart Binny) ने आज (30 अगस्त) फर्स्ट क्लास क्रिकेट और अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कह दिया। बिन्नी लम्बे समय से भारतीय टीम से बाहर चल रहे थे और शायद भविष्य में भी उन्हें भारतीय टीम के लिए खेलने का मौका मिलना मुश्किल ही था। बिन्नी ने भारत के लिए 6 टेस्ट, 14 वनडे और 3 टी20 मुकाबले खेले। हालांकि उनको अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर बहुत ज्यादा सफलता हासिल नहीं हुयी। संन्यास के बाद बिन्नी ने अपने क्रिकेट करियर के सबसे खास पल का खुलासा किया तथा यह भी बताया कि टेस्ट डेब्यू के बाद उन्हें उस समय टेस्ट टीम के कप्तान एमएस धोनी (MS Dhoni) ने क्या सलाह दी थी।
स्टुअर्ट बिन्नी ने साल 2014 में इंग्लैंड के दौरे में सीरीज के पहले ही टेस्ट में नॉटिंघम के मैदान पर अपना डेब्यू किया था और उन्हें टेस्ट कैप पूर्व भारतीय कप्तान एमएस धोनी ने दी थी। इस मैच में भारत की पहली पारी में बिन्नी महज 1 रन बना पाए थे लेकिन उन्होंने दूसरी पारी में 114 गेंदों पर 78 रन की पारी खेली तथा भारत के लिए मैच ड्रॉ कराने में अहम रोल अदा किया था।
Asianet Newsable से संन्यास के बाद खास बातचीत के दौरान स्टुअर्ट बिन्नी से जब उनके करियर के सबसे खास पल के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा,
"मुझे लगता है कि भारतीय क्रिकेट से मेरा सबसे अच्छा पल वह है जब मुझे नॉटिंघम में एमएस धोनी से अपनी टेस्ट कैप मिली। यही वह पल है जिसे मैं सबसे ज्यादा संजो कर रखूंगा।"
टेस्ट डेब्यू में कप्तान धोनी ने दी थी अहम सलाह
स्टुअर्ट बिन्नी से जब यह पूछा गया कि डेब्यू कैप देने के बाद एमएस धोनी ने क्या सलाह दी तो उन्होंने इसका खुलासा करते हुए कहा कि उन्होंने मेरे रणजी क्रिकेट के प्रदर्शन की प्रशंसा की, साथ ही यह भी कहा कि अगर मैं रणजी ट्रॉफी में अच्छा कर सकता हूं तो यहां भी अच्छा कर सकता हूं।
"उन्होंने मुझसे कहा कि मैं इस मौके का हकदार था और मैंने रणजी ट्रॉफी में तीन-चार सीजन तक लगातार अच्छा प्रदर्शन किया था। और जाहिर है, अगर आप रणजी ट्रॉफी में ऐसा कर सकते हैं तो यह सिर्फ विश्वास करने की बात है कि मैं टेस्ट क्रिकेट में भी अच्छा कर सकता हूं । उन्होंने मुझे यह भी भरोसा दिलाया कि मुझे भारतीय टीम का पूरा समर्थन हासिल है और वह चाहते हैं कि मैं बाहर जाकर खुद को अभिव्यक्त करूं।"
स्टुअर्ट बिन्नी ने संन्यास के पीछे की वजह के बारे में बात करते हुए कहा कि पिछले काफी समय से ज्यादा क्रिकेट नहीं हो रहा है और वह लगातार खेल भी नहीं पा रहे हैं। इसके अलावा वह नेशनल क्रिकेट अकेडमी में लेवल 2 के कोच भी हैं और इसी की वजह से उन्होंने संन्यास का फैसला लिया।