96 साल बाद किसी क्रिकेटर ने ओलंपिक्स में मेडल जीता

साउथ अफ्रीका की सनेट विलजॉइन पिछले 96 सालों में ओलंपिक मेडल जीतने वाली पहली क्रिकेटर बन गई है। 33 साल की सनेट ने महिलाओं के जैवलिन थ्रो में सिल्वर मेडल जीता। वो 2000 से 2002 के बीच साउथ अफ्रीका की राष्ट्रीय टीम की ओऱ से 1 टेस्ट 17 वनडे खेल चुकी हैं। गुरुवार को विलजॉइन ने 64.92 मीटर के थ्रो के साथ सिल्वर मेडल जीता। क्रोएशिया की सारा कोलक ने 66.18 मीटर के थ्रो के साथ गोल्ड मेडल अपने नाम किया। आखिरी बार ब्रिटेन के जैक मैकब्रायन ने ये उपलब्धि अपने नाम की थी। उन्होंने इंग्लैंड के लिए 1 टेस्ट मैच खेला था और 1920 में ग्रेट ब्रिटेन की हॉकी टीम के साथ गोल्ड मेडल जीता था। इसके अलावा जॉनी डगलस, जिन्होंने 1908 के ओलंपिक में बॉक्सिंग का गोल्ड मेडल जीता था। उन्होंने इंग्लैंड की तरफ से 23 टेस्ट मैच खेले और कुछ मैचों में टीम की कप्तानी भी की थी। विलजॉइन एक अच्छी ऑलराउंडर थी। 2 साल के अपने करियर में उन्होंने 17 वनडे खेले, जिसमें उन्होंने 5 विकेट और 198 रन बनाए। उन्होंने अपना इकलौता टेस्ट मैच मार्च 2002 में भारत के खिलाफ खेला था। उन्होंने मैच में अपना सर्वाधिक स्कोर 71 रन बनाया था। उस भारतीय टीम में अंजुम चोपड़ा, झूलन गोस्वामी और मिताली राज जैसे खिलाड़ी थे। कुछ समस्या के कारण विलजॉइन का अंतरराष्ट्रीय करियर जल्द ही खत्म हो गया। लेकिन जैवलिन थ्रो ने उन्होंने देश की जानी मानी खिलाड़ी बना दिया। विलजॉइन को साउथ अफ्रीका की जैवलिन क्वीन कहा जाता है। वो रियो 2016 ओलंपिक में मेडल जीतने वाली पहली साउथ अफ्रीकी महिला खिलाड़ी हैं। ये साउथ अफ्रीका का इस बारे के ओलंपिक में नौवां मेडल था। साल 2009 में विलजॉइन ने 65.46 मीटर के थ्रो के साथ नेशनल रिकॉर्ड बनाया था। 2012 लंदन ओलंपिक में वो कुछ सेंटीमीटर की वजह से मेडल जीतने से चूक गई थी और चौथे स्थान पर आईँ। 4 साल बाद उन्होंने सिल्वर मेडल अपने नाम किया। साउथ अफ्रीकी काफी सारे खेल खेलने के महाराथी होते हैं। एबी डीविलियर्स एक शानदार क्रिकेटर होने के साथ-साथ मंझे हुए टेनिस प्लेयर थे। जोंटी रोड्स ने 1996 की साउथ अफ्रीकी ओलंपिक हॉकी टीम से चोट की वजह से नाम वापिस ले लिया था। मर्चेंट डी लॉन्ग ने विलजॉइन की तरह किया। वो पहले जैवलिन थ्रोअर थी और उसके बाद वो एक फास्ट बॉलर बने।

Edited by Staff Editor