विराट कोहली ने रविवार को एक बार फिर दर्शा दिया कि उन्हें खेल का ग्रेटेस्ट चेजर क्यों कहा जाता है। उन्होंने न्यूजीलैंड के खिलाफ मोहाली में खेले गए तीसरे वन-डे में नाबाद 154 रन की पारी खेलकर भारत को पांच मैचों की वन-डे सीरीज में 2-1 की बढ़त दिलाई। 27 वर्षीय बल्लेबाज को उनके प्रदर्शन के लिए चारों तरफ से बधाइयां मिल रही हैं और पूर्व भारतीय कप्तान सुनील गावस्कर ने भी दाएं हाथ के बल्लेबाज की सराहना की। गावस्कर ने एनडीटीवी से बातचीत में कहा कि विराट का दिमाग बिलकुल कंप्यूटर के समान काम करता है। उन्होंने कहा, 'कोहली की जो सबसे अच्छी बात लगती है वह यह कि लक्ष्य का पीछा करने के दौरान कभी ख़राब शॉट नहीं लगाते। आप हमेशा उन्हें क्रिकेट शॉट खेलते देखते होंगे। उनके शॉट में कोई खराबी या जोखिम नहीं होता। यही उनकी बल्लेबाजी की खूबसूरती है। उनका दिमाग कंप्यूटर जैसा है। उन्हें पता है कि फील्डर कहां खड़ा है और उन्हें कहां शॉट लगाना है।' 68 वर्षीय गावस्कर ने कप्तान महेंद्र सिंह धोनी की भी जमकर तारीफ की। गावस्कर का मानना है कि कप्तान का इरादा बिलकुल 2011 विश्व कप फाइनल जैसा लगा और साथ ही उन्होंने कहा कि 35 वर्षीय धोनी ने परिस्थिति की मांग को देखते हुए अपने बल्लेबाजी क्रम में बदलाव किया। गावस्कर के मुताबिक, 'धोनी का इरादा 2011 विश्व कप फाइनल जैसा स्पष्ट नजर आया। यह जानते हुए कि मुरलीधरन गेंदबाजी कर रहे हैं और वह आईपीएल में एक ही फ्रैंचाइज़ी के लिए खेलते समय उन्हें अच्छे से भांप चुके थे और उनकी गेंदबाजी को जानते थे। धोनी ने अपने कंधों पर जिम्मेदारी ली थी और यह परिवर्तन कारगर साबित हुआ था।' उन्होंने आगे कहा, 'आज भी धोनी को एहसास हुआ कि भारतीय टीम न्यूजीलैंड के खिलाफ मैच नहीं गंवा सकती क्योंकि यहां से वापसी करना मुश्किल होता। उन्हें पता था कि उनका अनुभव पिच पर काम करेगा। मनीष पांडे भी बहुत अच्छे खिलाड़ी हैं और उन्होंने कोई गलती नहीं की। मेरे ख्याल से वो और केदार जाधव समेत कुछ ऐसे युवा खिलाड़ी हैं जो भारत का भविष्य हैं। मगर मेरे ख्याल से अगर मनीष का विकेट गिर जाता तो भारत को थोड़ा मुश्किल हो सकता था।' बकौल गावस्कर, 'और उनकी साझेदारी शानदार रही। जिस तरह उन्होंने विकेट पर तेजी से रन लिए वह शानदार था। मेरे ख्याल से धोनी और कोहली में काफी अच्छी समझदारी है और कप्तान भी शतक के हक़दार थे।'