भारत के पूर्व दिग्गज खिलाड़ी सुनील गावस्कर (Sunil Gavaskar) ने द हंड्रेड टूर्नामेंट पर सवाल उठाए हैं। गावस्कर के मुताबिक इस टूर्नामेंट में क्रिकेट का स्तर ऊंचा नहीं है और इसका कवरेज भी काफी साधारण है। गावस्कर के मुताबिक कवरेज के दौरान कई गलतियां की जाती हैं।
सुनील गावस्कर इंडिया vs इंग्लैंड टेस्ट सीरीज में कमेंट्री के लिए इस वक्त इंग्लैंड में ही हैं। उन्होंने डेली मेल में लिखे अपने कॉलम में द हंड्रेड टूर्नामेंट को लेकर प्रतिक्रिया दी।
सुनील गावस्कर ने कहा "मैंने इस टूर्नामेंट को टीवी पर देखा है और एक ही ख्याल दिमाग में आता है और वो है नीरस। क्रिकेट काफी साधारण है और कवरेज भी सही नहीं है। प्लेयर्स को लेकर बेसिक गलतियां हो रही हैं। अगर उप महाद्वीप में किसी ने इस तरह की गलती की होती तो फिर इंग्लैंड के पूर्व प्लेयर उनका काफी मजाक उड़ाते।"
गावस्कर ने आगे कहा "इंग्लैंड के पूर्व खिलाड़ी क्राउड को लेकर पागल हैं लेकिन इन क्राउड के अंदर अपनी फ्रेंचाइजी को लेकर वो पागलपन नहीं देखने को मिल रहा है। ग्राउंड का माहौल तो अलग है लेकिन इसका इंप्रेशन सही नहीं है। आईपीएल की जब शुरूआत हुई थी तब ब्रेंडन मैक्कलम ने अपनी जबरदस्त पारी से धमाकेदार आगाज किया था और द हंड्रेड टूर्नामेंट में ऐसा नहीं हो पाया। इसलिए दर्शकों के दिल में जगह बनाने के लिए इसे अभी थोड़ा समय लगेगा।"
द हंड्रेड टूर्नामेंट के कुछ नियम
आपको बता दें कि इंग्लैंड में द हंड्रेड टूर्नामेंट की शुरूआत हुई है, जिसमें हर पारी 100 गेंद की होती है। प्रत्येक छोर से दस गेंदें फेंकने का नियम है और इसे पांच गेंदों के दो ब्लॉक में बांटा जाएगा। एक गेंदबाज लगातार पांच या दस गेंदें फेंक सकता है। कप्तान को तय करना है कि वह एक ही छोर से या वैकल्पिक छोर से गेंदबाजी कराना उपयुक्त समझे। प्रत्येक गेंदबाज प्रति गेम अधिकतम 20 गेंदें फेंक सकता है। पांच गेंदों के बाद अम्पायर ओवर के बजाय 'फाइव' बोलेगा।
पारी की पहली 25 गेंदों में पावरप्ले शामिल होगा, जिसमें 30-यार्ड सर्कल के बाहर केवल दो क्षेत्ररक्षकों को अनुमति है। इसके बाद किसी भी समय फील्डिंग वाली टीम 2 मिनट का टाइम आउट ले सकती है।