एंटीगुआ में भारत और वेस्टइंडीज के बीच हुए चौथे मैच में बेहद कम स्कोर के लक्ष्य का पीछा करते हुए टीम इंडिया को 11 रनों से हार का मुंह देखना पड़ा। पूर्व भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने 114 गेंदों में 54 रनों की धीमी पारी खेल मंजिल तक पहुंचने की कोशिश जरुर की लेकिन अंततः जीत विंडीज को ही मिली। इस हार के बाद धोनी के आलोचकों की संख्या भी बढ़ गई। बहुत लोगों ने उनकी इस पारी के लिए उन्हें ट्विटर, फेसबुक पर ट्रोल किया। इसी कड़ी में पूर्व महान भारतीय खिलाड़ी सुनील गावस्कर धोनी के बचाव में कूद गए हैं। उन्होंने माही के आलोचकों को करारा जवाब दिया। एक निजी टीवी चैनल से बातचीत करते हुए सुनील गावस्कर ने कहा कि धोनी को हार के लिए दोषी नहीं ठहराया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि टीम की हार का सबसे बड़ा कारण सामूहिक रूप से बल्लेबाजों कर फ्लॉप होना है, इसमें सिर्फ धोनी को जिम्मेदार नहीं ठहराया जाना चाहिए। गौरतलब है कि धोनी द्वारा बनाया गया यह दूसरा सबसे धीमा भारतीय वन-डे अर्धशतक था। इससे पहले सुनील गावस्कर के नाम यह रिकॉर्ड था। 1985 में उन्होंने श्रीलंका के खिलाफ 51 रनों की पारी खेली थी। 2005 के बाद यह पहला मौका रहा जिसमें किसी भारतीय बल्लेबाज ने इतनी धीमी बल्लेबाजी की। गांगुली ने उस वक्त धीमी बल्लेबाजी की थी। बताया जा रहा है कि मैच में टीम की हार के बाद धोनी काफी उदास और मायूस हुए थे तथा ड्रेसिंग रूम में जाकर अकेले बैठ गए थे। सुनील गावस्कर वो नाम हैं जिन्होंने भारतीय क्रिकेट को नई उंचाइयों पर पहुंचाने में अपना पूरा योगदान दिया है। जहां भी उनको लगता है कि उन्हें किसी मुद्दे पर अपनी राय रखनी चाहिए, उन्होंने खुलकर बेझिझक ऐसा किया भी है। धोनी के मामले में भी उन्होंने ऐसा ही किया। देखा जाए तो गावस्कर की बातों में सच्चाई ही नजर आती है क्योंकि धोनी क्रीज पर नहीं रहते तो टीम की हालत और अधिक खराब हो सकती थी।