Sourav Ganguly फिर से बनेंगे बीसीसीआई अध्यक्ष? सुप्रीम कोर्ट ने सुनाया बड़ा फैसला

सौरव गांगुली का कार्यकाल में काफी अच्छा कार्य देखने को मिला है
सौरव गांगुली का कार्यकाल में काफी अच्छा कार्य देखने को मिला है

बीसीसीआई अध्यक्ष सौरव गांगुली (Sourav Ganguly) और सचिव जय शाह (Jay Shah) के लिए सुप्रीम कोर्ट से एक राहत की खबर आई है। कोर्ट ने दोनों का कार्यकाल बढ़ाने की अनुमति दे दी है। इससे पहले नियमों को लेकर बोर्ड ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। दोनों अब 3 साल के लिए अपने पदों पर बने रह सकते हैं।

कोर्ट ने कहा कि बीसीसीआई और राज्य संघ पदाधिकारियों को कूलिंग ऑफ़ पीरियड पूरा करना होगा। यह समय बीसीसीआई या राज्य संघ में दो कार्यकाल पूरा करने के बाद कूलिंग ऑफ़ पीरियड के तहत पूरा करना होगा।

बीसीसीआई ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि कूलिंग ऑफ पीरियड योग्य प्रशासकों को निरंतर कार्य करने से वंचित कर देगा। देश व्यक्तियों के अनुभव को नहीं खो सकता। कोर्ट कल अंतरिम आदेश जारी करेगा।

बीसीसीआई द्वारा अपनाए गए संविधान के अनुसार एक पदाधिकारी को राज्य संघ या बीसीसीआई या दोनों में संयुक्त रूप से लगातार दो कार्यकालों के बीच तीन साल की कूलिंग-ऑफ अवधि से गुजरना पड़ता है। इसका अर्थ है कि दो कार्यकाल के बाद तीन साल तक वे किसी पद पर नहीं रह सकते।

बीसीसीआई अध्यक्ष सौरव गांगुली इससे पहले बंगाल क्रिकेट संघ के अध्यक्ष थे। ऐसे में यह मामला असमंजस की स्थिति में था। अब कोर्ट ने पदाधिकारियों के लिए यह अवधि लागू होने की बात कही है। ऐसे में सौरव गांगुली का अध्यक्ष पद पर बने रहने का रास्ता साफ़ हो गया है। दादा ने अध्यक्ष रहते अपनी प्रशासनिक कुशलता को दिखाया है। उन्होंने भारतीय क्रिकेट में कुछ बदलाव भी किये हैं।

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