भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) को लोढ़ा समिति की सिफारिशें टालने के लिए सुप्रीम कोर्ट से तगड़ा झटका लगा है। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को लोढ़ा समिति को निर्देश दिया है कि वो बीसीसीआई के अकाउंट की बारीकी से जांच के लिए एक स्वतंत्र ऑडिटर की नियुक्त करे। इसके अलावा कोर्ट ने बोर्ड अध्यक्ष अनुराग ठाकुर और सचिव अजय शिर्के को दो सप्ताह की समयसीमा दी है। दो हफ्ते के अंदर बीसीसीआई को लोढ़ा समिति की सिफारिशों को लागू करने की रिपोर्ट सौंपनी है। सुप्रीम कोर्ट का निर्देश इसलिए संबंधित है क्योंकि इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के मीडिया अधिकार 10 वर्ष के लिए बेचे जाने हैं, जिसकी शुरुआत 2018 में होगी। गौरतलब है कि इससे बोर्ड को भारी रकम मिलना तय है। फिलहाल सोनी पिक्चर्स नेटवर्क्स प्राइवेट लिमिटेड ने 2017 तक के मीडिया अधिकार खरीद रखे हैं। उन्होंने नीलामी में 1.6 बिलियन यूएस डॉलर की बोली लगाकर यह अधिकार हासिल किए थे। रिपोर्ट्स के मुताबिक बीसीसीआई को टीवी, इंटरनेट और मोबाइल अधिकार बेचने से 4.5 बिलियन यूएस डॉलर की रकम मिलने की उम्मीद है। अगर यह हासिल किया गया तो क्रिकेट की दुनिया में विश्व रिकॉर्ड होगा। ट्विटर, फेसबुक, स्टार इंडिया प्राइवेट लिमिटेड, सोनी पिक्चर्स नेटवर्क्स प्राइवेट लिमिटेड और रिलायंस जिओ डिजिटल सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड वो बड़ी कंपनियां हैं जो यह अधिकार हासिल करने की कतार में हैं। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक एक तय रकम से ऊपर के सभी कांट्रेक्ट-टेंडर जस्टिस लोढ़ा समिति की मंजूरी से ही जारी किये जा सकेंगे। बीसीसीआई किस सीमा तक के कांट्रेक्ट खुद जारी कर सकती है, ये भी लोढ़ा समिति ही तय करेगी। बता दें कि बीसीसीआई के कामकाज में सुधार के लिए सुप्रीम कोर्ट ने रिटायर्ड चीफ जस्टिस आर। एम। लोढ़ा की अध्यक्षता में समिति का गठन किया था। कोर्ट इस साल 18 जुलाई को समिति की सभी सिफारिशों को लागू करने का आदेश दे चुका है। समिति ने शिकायत की थी कि बीसीसीआई के अधिकारी सुधारों को लागू करने में अड़चन डाल रहे हैं। इसी वजह से मौजूदा सुनवाई चल रही है। सुप्रीम कोर्ट ने आज एक बार फिर कहा, 'जो राज्य क्रिकेट एसोसिएशन सिफारिशों को लागू करने में बाधा डाल रहे हैं, बीसीसीआई उन्हें एक पैसे का भी फंड न दे। जो राज्य एसोसिएशन इस साल फंड पा चुके हैं, वो ये हलफनामा दें कि वो सिफारिशों को लेकर सहमत हैं। उनके हलफनामे को कोर्ट की मंजूरी मिलने के बाद ही वो फंड का इस्तेमाल कर सकेंगे।' कोर्ट ने लोढ़ा समिति को बीसीसीआई में ऑडिटर की नियुक्ति करने के लिए इसलिए कहा है क्योंकि ये ऑडिटर बोर्ड की तरफ से खर्च किए जा रहे पैसों की निगरानी कर समिति को रिपोर्ट देगा। इस मामले में अगली सुनवाई 5 दिसंबर को होगी। इतना ही नहीं सुप्रीम कोर्ट ने बीसीसीआई के फाइनेंशियल ट्रांजक्शन को फिक्स करने के लिए कहा है। शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने अपनी सुनवाई में कहा कि क्रिकेट एसोसिएशन्स को लोढ़ा समिति की सिफारिशों को मानने तक बीसीसीआई से एक पैसा नहीं मिलेगा। लोढ़ा समिति ने एक राज्य एक वोट, बीसीसीआई अधिकारियों के पद पर उम्र और कार्यकाल की समयसीमा, मंत्रियों के बोर्ड से दूर रहने जैसी कई अहम और सख्त सिफारिशें दी हैं जिसे बोर्ड ने लागू करने में असमर्थता जताई थी।