ENG v IND: इंग्लैंड के ख़िलाफ़ वनडे सीरीज़ सुरेश रैना के एकदिवसीय करियर में भर सकती है रंग

भारतीय क्रिकेट टीम आज से नॉटिंघम के ट्रेंट ब्रिज से इंग्लैंड के ख़िलाफ़ 3 मैचों की वनडे सीरीज़ का आग़ाज़ कर रही है। 2019 विश्वकप में अब एक साल के क़रीब ही समय बचा है और चूंकि विश्वकप की मेज़बानी इंग्लैंड ही कर रहा है, लिहाज़ा ये सीरीज़ बेहद अहम होने वाली है। भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान भी इन परिस्थितियों में प्रयोग करने से नहीं चूक रहे और मध्यक्रम को पूरी तरह से मुस्तैद करना चाह रहे हैं। इसके लिए वह ख़ुद को नंबर-3 से नंबर-4 पर भी ले आए हैं, और साथ ही साथ लंबे समय से चली आ रही मध्यक्रम की परेशानी का भी हल निकालने की कोशिश में है। यही वजह है कि टीम में एक बार फिर अनुभवी सुरेश रैना की वापसी हुई है, जिन्होंने आख़िरी बार वनडे अंतर्राष्ट्रीय मुक़ाबला 2015 में खेला था।

वापसी को रंगीन बनाने के लिए रैना हैं बेक़रार

223 वनडे मुक़ाबलों में 5 शतक और 36 अर्धशतक लगाने वाले सुरेश रैना अचानक से टीम इंडिया से बाहर हो गए थे। उन्हें और उनके फ़ैंस को भी यक़ीन नहीं था कि आख़िर ऐसा कैसे हुआ ? क्योंकि रैना के नाम पिछले 11 वनडे पारियों में 1 शतक और 2 अर्धशतक भी शामिल है। रैना का ये शतक आईसीसी विश्वकप 2015 में नाज़ुक मौक़े पर आया था जब भारत ज़िम्बाब्वे के 287 रनों के स्कोर का पीछा करते हुए 4 विकेट 92 रन पर ही गंवा चुका था और वहां से 110 नाबाद रनों की पारी खेलते हुए रैना ने भारत को जीत दिलाई थी।

दक्षिण अफ़्रीका के ख़िलाफ़ रैना की आख़िरी वनडे सीरीज़ थी एक बुरा सपना

विश्वकप में यादगार पारी खेलने के बाद रैना का अगला दौरा टीम इंडिया के साथ बांग्लादेश था जहां 3 मैचों में उनका प्रदर्शन ठीक ठाक था। रैना ने बांग्लादेश के ख़िलाफ़ 40, 34 और 38 रनों की पारी खेली थी, लेकिन इसके बाद प्रोटियाज़ के ख़िलाफ़ घरेलू सीरीज़ उनके लिए एक बुरा सपना बनकर आई। 5 मैचों की इस सीरीज़ में रैना ने सिर्फ़ 68 रन बनाए, जिसमें दो बार उन्होंने खाता तक नहीं खोला। लेकिन चेन्नई वनडे में उन्होंने विराट कोहली का अच्छा साथ निभाते हुए अर्धशतक जमाया था, और भारत की जीत में अहम भूमिका निभाई थी। पर चयनकर्ताओं ने रैना के उस प्रदर्शन को नज़रअंदाज़ करते हुए पूरी सीरीज़ में 68 रन बनाने के लिए उनपर गाज गिराई और फिर उन्हें दोबारा वनडे टीम में मौक़ा नहीं दिया।

एक बार फिर क़िस्मत ने दिया रैना का साथ

वनडे मैचों में इसके बाद भले ही रैना को कभी मौक़ा नहीं मिला लेकिन उन्होंने टी20 में भारतीय क्रिकेट टीम में वापसी की। जहां उन्होंने कुछ अच्छी पारियां खेलते हुए चयनकर्ताओं का दोबारा दिल जीतने में क़ामयाब रहे हैं। हालांकि इंग्लैंड दौरे पर सुरेश रैना वनडे टीम का हिस्सा नहीं थे, पर अंबाती रायुडू के यो यो टेस्ट में फ़ेल होने की वजह से रैना को उनकी जगह शामिल किया गया। अब इस बात की पूरी उम्मीद है कि रैना अपना स्थान प्लेइंग-XI में भी बनाने में क़ामयाब रहेंगे, इसके संकेत कप्तान विराट कोहली ने भी दे दिए हैं। कोहली ने कहा है कि मध्यक्रम में सुरेश रैना का अनुभव बल्लेबाज़ी में तो काम आएगा ही साथ ही साथ ज़रूरत पड़ने पर रैना गेंदबाज़ी में भी टीम को एक ऑफ़ स्पिनर का विकल्प दे सकते हैं।

सारी क़ायनात ने मिलकर रैना के लिए बनाए हैं अनेक संयोग

बॉलीवुड की एक मशहूर फ़िल्म का डॉयलोग है, ‘’कहते हैं अगर किसी चीज़ को पाने के लिए दिल से चाहो तो सारी क़ायनात तुम्हें उससे मिलानी की कोशिश में लग जाती है।‘’ सुरेश रैना के लिए भी कुछ ऐसा ही हुआ है, रैना ने जब अपनी जगह टीम से खो दी थी तो उनके स्थान पर मनीष पांडे और केदार जाधव जैसे खिलाड़ियों ने अच्छा प्रदर्शन करते हुए दोराबा उन्हें वापसी की दौड़ से ही बाहर कर दिया था। लेकिन पहले केदार जाधव चोटिल हुए, फिर मनीष पांडे और युवराज सिंह का फ़ॉर्म भी लगातार ख़राब होता चला गया। नतीजा ये हुआ कि टीम इंडिया की मध्यक्रम की परेशानी बढ़ती जा रही थी। अंबाती रायुडू ने घरेलू क्रिकेट और आईपीएल में लाजवाब प्रदर्शन करते हुए चयनकर्ताओं को अपनी ओर आकर्षित किया और उनका चयन एक बार फिर भारतीय वनडे टीम में हुआ। पर तभी यो यो टेस्ट में उनका पास न होना सुरेश रैना के लिए वापसी का दरवाज़ा खोल गया। हालांकि अभी भी उनकी प्रतिस्पर्धा दिनेश कार्तिक और श्रेयस अय्यर से है जो इस टीम में मौजूद हैं। लेकिन रैना को जो चीज़ इन दोनों से फ़िलहाल एडवांटेज दे रही है वह है बाएं हाथ का मध्यक्रम में विकल्प और ज़रूरत पड़ने पर गेंदबाज़ी में भी उनका इस्तेमाल। पर रैना को ये ध्यान में रखना होगा कि उनकी पहली प्राथमिकता सिर्फ़ और सिर्फ़ बल्लेबाज़ी है, अगर सुरेश रैना ने अपने बल्ले से वही रंग जमाया जिसके लिए वह जाने जाते हैं तो फिर उनका करियर और भी रंगीन हो जाएगा। वहीं दूसरी तरफ़, इस सीरीज़ में अगर मिले मौक़ों को रैना ने ज़ाया कर दिया तो फिर उनके वनडे करियर पर विराम भी लग सकता है। अब रैना इंग्लैंड दौरे पर अपने करियर को करते हैं रंगीन या बनाते हैं बदरंग ? इसका जवाब हमें अगले कुछ दिनों में मिल जाएगा।